0-नक्सली घटना से मतदाताओं सहित मतदान दल कर्मियों में भी बढ़ा नक्सलियों का खौफ
रायपुर, 10 अप्रैल । बस्तर लोकसभा सीट के लिए 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के ठीक दो दिन पहले नक्सलियों द्वारा बड़ी वारदात को अंजाम देने का असर मतदान पर पड़ सकता है। नक्सलियों द्वारा घटित घटना से इस लोकसभा क्षेत्र के कई इलाकों में रहने वाले मतदाताओं में जहां भारी खौफ व्याप्त देखा जा रहा है, वहीं चुनाव कराने वहां पहुंच रहे मतदान कर्मियों में भी नक्सलियों का भय व्याप्त है। हालांकि निर्वाचन आयोग यह जरूर दावा कर रहा है कि बस्तर के समस्त मतदान केन्द्रों में सुरक्षा व्यवस्था का पर्याप्त व पुख्ता इंतजाम किया गया है।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में वैसे तो हमेशा नक्सलियों के खौफ से चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम देखा गया है, लेकिन 2018 में हुए विधानसभा चुनाव नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदाताओं ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और अपने मतदाधिकार का प्रयोग किया। हालांकि लोकसभा चुनाव में प्रथम चरण में प्रदेश के बस्तर सीट के लिए होने वाले चुनाव के ठीक दो दिन पहले नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए जिस तरह से एक भाजपा विधायक और 4 जवानों को मौत के घाट उतारा है उसके बाद बस्तर के घोर नक्सली प्रभावित इलाको में लोकसभा सीट के होने वाले मतदान में काफी असर पड़ सकता है। क्योंकि इस घटना से इन क्षेत्रों के मतदाताओं में जहां भारी खौफ व्याप्त है, वहीं चुनाव कराने यहां पहुंच रहे मतदान दल कर्मियों में भी नक्सलियों का भय व्याप्त है। मतदान केन्द्र से लेकर मतदान दल कर्मियों के मतदान केन्द्र में पहुंचने और मतदान संपन्न होने के बाद वापस लौटने तक उनमें नक्सलियों का भय रहेगा। नक्सलियों के खौफ से बड़ी संख्या में मतदाता भी अपने घरों से निकलने से कतराएंगे। क्योंकि नक्सलियों ने इस चुनाव का पहले ही बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके है। ऐसे में नक्सलियों के खिलाफ जाकर मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक पहुंचकर मतदान कराना चुनौती से कम नहीं होगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो नक्सलियों की इस बड़ी घटना का असर मतदान पर पड़ सकता है।