रायगढ़। एग्रीमेंट के बाद भी 122 फिट कम जमीन में मकान बनाने पर उपभोक्ता फोरम ने हाउसिंग बोर्ड को दोषी माना है और महिला की शिकायत पर विभाग के संपदा अधिकारी, ईई एवं कमिश्नर के खिलाफ आदेश देकर सेवा में कमी का दोषी मानकर पौने 3 लाख का हर्जाना देने कहा है।
हाउसिंग बोर्ड के खिलाफ एग्रीमेंट के बाद भी मुकर जाने का एक और मामला सामने आया है। शहर से लगे ग्राम बनोरा में यशोदा साहू पति सुखीराम साहू ने साल 2013 में हाउसिंग बोर्ड का विज्ञापन देखा था। विभाग के कोतरा रोड प्रोजेक्ट में महिला ने एमआईजी मकान लेने में दिलचस्पी दिखाई और ब्रोशर व एग्रीमेंट के आधार पर 1 हजार वर्गफिट का मकान बुक कर दिया। एग्रीमेंट के अनुसार इसमें सुपर बिल्टअप एरिया करीब 835 वर्गफिट होना था और इसके लिए पहले 2 लाख 25 हजार का पंजीयन शुल्क जमा करना था। महिला ने 18 जनवरी 2013 को ही इसे जमा कर दिया और जुलाई में 2 लाख 39 हजार की पहली किश्त भी जमा कर दी । इसके बाद विभाग द्वारा कहे अनुसार महिला व पति ने समय समय पर सभी किश्तें अदा कर दी और कुल 16 लाख 82 हजार का भुगतान इस मकान के लिए कर दिया लेकिन सितंबर 2016 में जब पजेशन देने का समय आया तो हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने जो दस्तावेज तैयार किए। उसमें मकान नंबर 203 आबंटित किया गया। इसमें बिल्टअप एरिया 835 की जगह 713 वर्गफिट ही था। एग्रीमेंट से 122 फिट में कम निर्माण होने पर क्रेता ने आपत्ति जताई और अपने अंतर की राशि वापस करने की मांग की लेकिन संपदा अधिकारी ने टाल दिया। इसके बाद यशोदा अपने अधिवक्ता पी कुंडू के माध्यम से फोरम पहुंची। यहां पर फोरम ने इसमें विभाग को सेवा में कमी का दोषी माना है और अंतर की राशि 2 लाख 46 हजार, मानसिक प्रताडऩा के 20 हजार एवं वाद व्यय के 5 हजार देने के आदेश दिए हैं।
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