रायगढ़। लोकसभा चुनाव में रायगढ़ में कोई भी प्रत्याशी रणछोड़ नहीं बन सका है। सोमवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन भी कोई आवेदन नहीं आए हैं। अब लोकसभा सांसद की कुर्सी के लिए 14 उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग होगी और 23 अप्रैल को मतदान से पहले प्रचार प्रसार के लिए 2 हफ्ते का ही समय मिल सकेगा।
लोकसभा चुनाव में इस बार नामांकन दाखिल करने वाले सारे उम्मीदवार चुनाव लडऩे जा रहे हैं। 28 मार्च से 4 अप्रैल तक दाखिल हुए नामांकन में रायगढ़ एवं जशपुर जिले से कुल 14 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था। स्क्रूटनी में रिटर्निंग अफसर ने सभी नामांकन को वैध पाया था। जिसके बाद नाम वापसी के लिए सबकी निगाहें टिकी हुई थी। आयोग के नियमों के अनुसार सोमवार दोपहर तक उम्मीदवारों को नामांकन वापसी का समय दिया गया था लेकिन रायगढ़ में एक भी नाम वापसी का आवेदन नहीं आया है। मतलब इस बार के लोकसभा चुनाव में एक भी प्रत्याशी रणछोड़ नहीं बना है। नामांकन वापसी के आवेदन नहीं आए तो रिटर्निंग अफसर ने सोमवार की शाम प्रतीक चिन्हों का आबंटन किया। इसमें राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के उनके फार्म बी के अुनसार पार्टी का चुनाव चिन्ह दिया गया है। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों को उनकी पसंद व वरीयता के आधार पर चुनाव चिन्ह आबंटित किया गया है। रिटर्निंग अफसर द्वारा दिए गए प्रतीक चिन्ह के अनुसार लोकसभा में अमृत तिर्की को चाबी छाप दिया गया है। इसी तरह दोबारा चुनाव लड़ रहे प्रकाश उरांव को बल्ला तथा सरकारी नौकरी छोडक़र चुनाव लड़ रही तारिका तरंगिणी को चप्पल चुनाव चिन्ह दिया गया है। अब 23 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले प्रचार प्रसार के लिए सभी प्रत्याशियों क करीब 2 हफ्ते का ही समय मिल सकेगा।
अब रफ्तार पकड़ेगा प्रचार प्रसार
अब तक भाजपा एवं कांग्रेस पार्टी का प्रचार प्रसार ने रंग नहीं दिखाया था लेकिन प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आबंटन के बाद अब लोकसभा का चुनाव प्रचार रफ्तार पकड़ेगा।
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