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मुंबई ,09 अपै्रल । अगर दिवाला कानून के तहत रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से लोन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होती है तो स्वीडन की टेलिकॉम इच्पिमेंट कंपनी एरिक्सन को उससे मिले 550 करोड़ रुपये लौटाने पड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एरिक्सन को आरकॉम ने यह बकाया रकम लौटाई थी।
फरवरी में अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम ने नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) में अपील दायर करके खुद के खिलाफ उस आवेदन पर स्टे लगाने को कहा था, जिसे पिछले साल एनसीएलटी ने स्वीकार किया था। एनसीएलएटी ने कहा था कि अगर आरकॉम, एरिक्सन का बकाया 550 करोड़ रुपये लौटा देती है तो उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कार्यवाही नहीं होगी।
एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाले दो सदस्यीय अपीलेट ट्राइब्यूनल ने सोमवार को कहा, अगर हम आरकॉम के खिलाफ इस अपील को खारिज करते हैं तो एरिक्सन को पैसा वापस करना होगा। आरकॉम को कर्ज देने वाले बैंक जब रिकवरी के लिए परेशान हैं, तब एरिक्सन को पैसा क्यों मिलना चाहिए?
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