कोलकाता,09 अपै्रल । मोबाइल फोन बनाने वाली देश की शीर्ष 3 कंपनियों की आमदनी में वित्त वर्ष 2018 में भारी गिरावट देखी गई है और इनकी कुल आमदनी राइवल चाइनीज कंपनियों की आमदनी के एक चौथाई से भी कम है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में माइक्रोमैक्स, इंटेक्स और लावा की कुल आमदनी में 22 पर्सेंट की कमी आई है। इसके उलट शीर्ष 3 चाइनीज ब्रैंड- शाओमी, ओपो और वीवो की आमदनी वित्त वर्ष 2017 के मुकाबले लगभग दोगुनी हुई है। इन आंकड़ों को बिजनस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म वेराटेक इंटेलिजेंस ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से जुटाया है।
मार्केट में कड़े मुकाबले के कारण भारतीय कंपनियों को प्रॉफिट मार्जिन कम करना पड़ा, जिसका असर उनके मुनाफे पर पड़ा। भारतीय मोबाइल कंपनियों को कुल 187 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ, जो इसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 70 पर्सेंट कम है। इसके मुकाबले सिर्फ शाओमी ने 293 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जबकि ओपो को 358 करोड़ रुपये और वीवो को 120 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
फीचर फोन कैटेगरी में सस्ते डेटा पैक के चलते रिलायंस जियो का 4जी फीचर फोन तेजी से मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जबकि स्मार्टफोन कैटेगरी में चाइनीज कंपनियों को दबदबा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वित्त वर्ष 2019 में भारतीय मोबाइल कंपनियों की आमदनी में और ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है।
हांगकांग की काउंटरप्वाइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च के एनालिस्ट, कर्ण चौहान ने बताया, चाइनीज ब्रांड्स से तगड़े मुकाबले के चलते भारतीय स्मार्टफोन ब्रैंड के मार्केट शेयर में कमी आई है और वित्त वर्ष 2019 में यह ट्रेंड जारी रहेगा। हालांकि माइक्रोमैक्स और लावा दो ऐसे ब्रैंड हैं, जो एंट्री लेवल स्मार्टफोन सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। रिलायंस जियो भी ऐसा ही एक घरेलू ब्रैंड है, जिस पर नजर रखे जाने की जरूरत है।