जगदलपुर, 09 अपै्रल । 700 लोगों से लाखों रूपए की ठगी करने वाले फारच्यून नामक चिटफंड कंपनी के पार्टनर कष्णकांत पाटिल एवं चंद्रमौली रेड्डी को सीजीएम न्यायालय के न्यायाधीश ने आरोप सिद्ध पाकर 5-5 वर्ष के कारावास की एवं एक लाख रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।
गौरतलब है की वर्ष 2016 नवम्बर माह में कृष्णकांत पाटिल, संतोष, चिल्का चन्द्रमौली और सुरेश द्वारा शहर में फार्च्यून मीडिया आईटी कंपनी नाम से पंजीयन करवा कर नौकरी देने के लिए अखबारों में विज्ञापन दिया गया था। उक्त कंपनी में जगदलपुर के युवाओं की नियुक्ति की गयी थी। अपने ग्राहकों से एसएमएस करवाकर अलग-अलग प्लान बताकर पैसों की उगाही करवाई जा रही थी, जिसमे लोगों को यह प्रलोभन दिया गया था कि आप घर बैठे 30,000 से 50,000 रुपये तक कमा सकते हैं। शहर में लगभग 700 ग्राहक बनाकर प्रत्येक ग्राहक से 200 रुपये पंजीयन शुल्क तक लिया गया था। इतना ही नहीं, उक्त कंपनी द्वारा पचास हजार रुपये से पंजीयन करवाने वाले कई ग्राहकों को लैपटॉप भी दिया गया था।
मई 2017 में कृष्णाकान्त पाटिल उर्फ कृष्णा रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से 3,57,000 रुपये नगदी सहित 5.5 लाख रुपये का सोना, 50 लाख रुपयों की बैंगलोर में जमीन खरीदी के कागजात, टेबलेट, मोबाइल, विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, और पासबुक जप्त की गयी थी। इसके साथ ही आरोपी चंद्रमौली के पास से इंडिका कार, पेट्रोल पंप खरीदी के कागजात, नगदी रकम, मकान के दस्तावेज और कुछ अन्य दस्तावेजों की भी जप्ती की गयी थी, जिसकी कीमत 32 लाख रुपये आंकी गयी थी। शेष दो आरोपी (सुरेश और संतोष) आज पर्यंत फरार बताये जा रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी के बाद पुन: चालान पेश किया जायेगा। मालूम हो कि इस मामले की विवेचक मनोज तिर्की और श्रीमती शोभा मंडावी थीं।