मुंबई ,08 अपै्रल । भारत ने चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की निगरानी बढ़ा दी है, जो कस्टम ड्यूटी, गुड्स और सर्विस टैक्स से बचने के लिए कानूनी रियायतों का गलत फायदा उठाती हैं। इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने बताया कि सरकार ने टैक्स और कस्टम ऑफिसर्स को पत्र लिखने के बाद अब पोस्ट ऑफिस और कूरियर कंपनियों से चीन से आने वाले शिपमेंट्स पर नजर रखने के लिए कहा है।
एक सूत्र ने बताया, ‘अभी तक कस्टम डिपार्टमेंट को सख्त कार्रवाई के लिए कहा गया था, लेकिन अब पोस्ट ऑफिस से ऐसी खरीदारी पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।’ डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने एक पत्र लिखकर कहा है कि अगर किसी भी बंदरगाह पर गिफ्ट वाला शिपमेंट आता है तो उसकी पूरी तहकीकात की जाए। सूत्रों ने बताया सरकार मुंबई के जरिए गुड्स इंपोर्ट बंद कर चुकी है और वह चेन्नई, कोलकाता समेत देशभर के दूसरे बंदरगाहों पर भी इस तरह का कदम उठाने की योजना बना रही है।
भारतीय ग्राहक कई चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते हैं। चाइनीज कंपनियां उन प्रॉडक्ट्स को ‘गिफ्ट’ बताकर देश के अलग-अलग शहरों में डिलीवर करती हैं। स्थानीय कानून के मुताबिक, अगर किसी भी भारतीय को 5,000 रुपये तक गिफ्ट मिलता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। सूत्रों का कहना है कि क्लब फैक्टरी, अलीएक्सप्रेस और शीन जैसे चाइनीज ऑनलाइन मार्केटप्लेस इस टैक्स छूट का गैरकानूनी तरीके से फायदा उठा रहे थे। सरकार की जांच के मुताबिक, अधिकांश चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म खरीदारी को उपहार बताकर टैक्स को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सरकार ने हाल ही में सभी चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए डोमेस्टिक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि इससे उन्हें भारतीय कानून के तहत लाने में मदद मिलेगी।