नईदिल्ली । राजस्थान में गुर्जर और अन्य जातियों को पांच फीसदी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अशोक गहलोत सरकार को बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा रोक ना लगाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश है. राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम-2019 के तहत गुर्जर सहित पांच जातियों गाडिय़ा, लुहार, बंजारा, रेबारी व राइका को एमबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी
याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस तो जारी किया था, लेकिन आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
फरवरी माह में नौ दिन तक पड़ाव डाले रखा था गुर्जर समाज
उल्लेखनीय है कि पांच फीसदी आरक्षण के मसले को लेकर फरवरी माह में गुर्जर समाज ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर सवाईमाधोपुर जिले में नौ दिन तक पड़ाव डाले रखा था. गुर्जरों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने उसी अवधि में विधानसभा में इसका विधेयक पारित करवाया था. उसके बाद राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी. इस विधेयक के साथ ही राज्य विधानसभा ने विधेयक को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एक शासकीय संकल्प भी ध्वनिमत से पारित किया था. बमुश्किल निपटे गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बाद सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है.