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06-Apr-2019 12:48:52 pm
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इंडोनेशिया, इथियोपिया में एयरक्रैश के बाद बोइंग ने 737 मैक्स का उत्पादन 20 प्रतिशत घटाया

 नई दिल्ली । पांच महीने से भी कम वक्त में बोइंग 737 मैक्स के साथ हुए दो भीषण हादसे के बाद संकटों से जूझ रही दिग्गज विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने इस विमान का उत्पादन इस महीने से कम करने का फैसला लिया है। कंपनी ने शुक्रवार को बयान जारी कर यह जानकारी दी। बोइंग ने कहा कि वह मध्य अप्रैल से 737 मैक्स विमान के उत्पादन में लगभग 20 फीसदी की कटौती करेगी। फिलहाल कंपनी प्रति माह 52 विमानों का उत्पादन कर रही है, जो अब घटकर 42 हो जाएगी।  
बोइंग ने कहा कि वह उड़ान नियंत्रण करने वाले सॉफ्टवेयर पर ध्यान देने के लिए यह कदम उठा रही है। दरअसल, कंपनी ने यह कदम यूं ही नहीं उठाया है। वह इससे पहले पिछले महीने ही इस विमान की आपूर्ति बंद कर चुकी है। कंपनी ने विमानों के डिजाइन एवं विकास की निगरानी करने के लिए निदेशक मंडल की एक विशेष समिति बनाने की भी घोषणा की। 
मैक्स से दुनियाभर में उठा भरोसा 
दरअसल, हादसों के बाद दुनियाभर में इस विमान की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों बोइंग को उसकी प्रतिद्वंद्वी यूरोपीय कंपनी एयरबस ने जोर का झटका दिया। एयरबस ने चीन को 300 विमान बेचने के सौदे की घोषणा की। ग्राहकों का भरोसा अब बोइंग 737 मैक्स विमानों से उठ चला है, जिसके कारण वे अब एयरबस पर फोकस कर रहे हैं। केवल चीन ही नहीं, दुनियाभर के जिन-जिन देशों ने बोइंग को 737 मैक्स के लिए ऑर्डर दिए हैं, वे अब इसकी समीक्षा कर रहे हैं। ई देशों ने इस ओर संकेत भी दिए हैं कि वह बोइंग से डील रद्द कर एयरबस से डील की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं। 
हादसों की तह में कारोबारी प्रतिद्वंद्विता? 
इससे पहले, न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बोइंग 737 मैक्स के साथ लगातार हुए दोनों हादसे की तह में दुनिया की दो दिग्गज विमान निर्माता कंपनियों बोइंग और एयरबस के बीच गलाकाट प्रतिस्पर्धा है, क्योंकि बोइंग 737 मैक्स का डिवेलपमेंट प्रतिस्पर्धा के दबाव में बेहद जल्दबाजी में किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2011 में बोइंग को उस वक्त भारी झटके का सामना करना पड़ा, जब उसका सबसे बड़ा ग्राहक अमेरिकन एयरलाइंस उसके प्रतिद्वंद्वी एयरबस को सैकड़ों नए फ्यूल एफिशिएंट विमानों का ऑर्डर देने की तैयारी कर रहा था। 
ऑर्डर के लिए हालांकि अमेरिकन एयरलाइंस को बोइंग ने राजी कर लिया, लेकिन उसने एक नए पैसेंजर प्लेन को विकसित करने का आइडिया त्याग दिया। इस नए विमान के विकास में उसे एक दशक का वक्त लगता। इसके बदले उसने अपने सबसे ज्यादा बिकने वाले विमान 737 को ही अपडेट करने का फैसला किया। इसके लगभग छह महीने बाद ही 737 मैक्स का अस्तित्व सामने आया। 
346 लोगों की हो चुकी है मौत 
इंडोनेशिया और इथियोपिया में हुई दो भीषण विमान दुर्घटनाओं में 346 लोग मारे गए थे। इन दोनों दुर्घटनाओं में बोइंग का 737 मैक्स विमान शामिल था। जांच में पाया गया कि इन दुर्घटनाओं के लिए उड़ान नियंत्रित करने वाले सॉफ्टवेयर की खामी जिम्मेदार रही। इसके बाद दुनियाभर में विमानन नियामकों और विमान कंपनियों ने बोइंग के 737 मैक्स विमान को उड़ान से बाहर करना शुरू कर दिया। 

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