छत्तीसगढ़

06-Apr-2019 12:28:58 pm
Posted Date

तालाब में गिरा जंगली सुअर, वन प्रबंधन ने जंगल में छोड़ा

परिसर रक्षक व विजयपुर वन प्रबंधन समिति सदस्यों की सक्रियता से बच गई जान
न्याय साक्षी/रायगढ़। गर्मी का मौसम शुरू होते ही जहां जंगल में आग लगने की घटना शुरू हो गई है। वहीं अब जंगल से निकल कर वन्यप्राणी भी बस्ती तक पहुंच रहे हैं। कल शाम भी बोइरदादर जंगल की ओर से भटकते हुए एक जंगली सुअर विजयपुर गांव के करीब आम बाड़ी में पहुंच गया था। जब इसकी जानकारी परिसर रक्षक को हुई, तो विजयपुर वन पं्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ मिलकर वहां पहुंचे, लेकिन वह तब तक विजयपुर तालाब में जा गिरा, इसके बाद परिसर रक्षक व समिति सदस्यों ने बड़ी मशक्कत करते हुए उसे तालाब से बाहर निकाला और सुरक्षित जंगल में उसे छोड़ा।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की शाम को एक जंगली सुअर बोइरदादर जंगल से भटकते हुए विजयपुर गांव के करीब पहुंच गया था। यहां आमबाड़ी में दो महिलाओं ने जब उसे देखा तो एक महिला के उपर उसने हमला किया, इससे महिला गिर गई। इसके बाद अन्य लोगों ने हो हल्ला कर उसे भगाने की कोशिश की, तो वह मुख्य मार्ग को पार कर तालाब में चला गया। तब तक मामले की जानकारी परिसर रक्षक गोवर्धन राठौर को लग चुकी थी। तब उन्होंने तत्काल जंगली सुअर को सुरक्षित जंगल तक पहुंचाने के लिए विजयपुर वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्याम मालाकार सहित अन्य सदस्यों को लेकर मौके पर पहुंचे और जंगली सुअर को तालाब से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू कर दिया गया। काफी मशक्कत के बाद जंगली सुअर को तालाब से बाहर निकाला गया और डिफ्टी रेंजर राजेस्वर मिश्रा की मौजूदगी में बोइरदादर क्षेत्र के जंगल में ले जाकर उसे सुरक्षित छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि जंगली सुअर काफी उम्र का था और भटकते हुए वह जंगल से बाहर आ गया था। यहां यह बताना भी लाजिमी होगा कि रायगढ़ वन मंडल के कई बीट में परिसर रक्षक अपने मुख्यालय में नहीं रहते थे। ऐसे में डीएफओ मनोज पंाडे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी बीटगार्ड को अपने मुख्यालय में रहने निर्देशित किया। वहीं शहर के सबसे करीब का बोइरदादर बीट करीब चार माह पूर्व एक महिला बीटगार्ड के भरोसे होने के कारण पूरी तरह से नियत्रंण से बाहर हो गया था। तब यहां की बिगड़ती स्थिति को भी देखते हुए संवेदनशील डीएफओ मनोज पांडे ने इस बीट को पुन: नियत्रंण में लाने के लिए बोइरदादर बीट की कमान गोवर्धन राठौर को दी और परिसर रक्षक अब अपने अधिकारियों के भरोसे में पूरी तरह खरे उतर रहे हैं। 
पहले भी बचा चुके हैं जान
शहर के सबसे करीब संवेदनशील बीट बोइरदादर को माना जाता है। चुंकि यहां वन्यप्राणी काफी तादाद में हैं। इससे पहले भी यहां जंगल से भटक कर वन्यप्राणी गांव तक पहुंच चुके हैं, लेकिन हर बार यहां समिति सदस्यों के द्वारा सराहनीय कार्य करते हुए भटके हुए वन्यप्राणियों को जंगल तक पहुंचाया है और यहां वर्तमान परिसर रक्षक व विजयपुर वन प्रबंधन समिति पूरी तरह से सक्रिय है और इसी का नतीजा है कि कल भी एक जंगली सुअर सुरक्षित जंगल लौट गया।
 

 

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