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नईदिल्ली,04 अपै्रल । सुप्रीम कोर्ट ने दंगा करने और हिंसा भडक़ाने के मामलों में आरोपी झारखंड के पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव की जमानत बृहस्पतिवार को रद्द कर दी क्योंकि उन्होंने जमानत की शर्तो का उल्लंघन किया था। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वह इस बात से संतुष्ट है कि साव ने दिसंबर, 2017 में लगायी गयी शर्तो का उल्लंघन किया और वह अनधिकृत रूप से झारखंड में मौजूद पाये गये थे। शीर्ष अदालत ने साव को भोपाल में रहने का आदेश दिया था। पीठ ने इसके साथ ही साव और इसी तरह के मामलों में आरोपी उनकी विधायक पत्नी निर्मला देवी के खिलाफ लंबित सारे मुकदमे हजारीबाग की अदालत से झारखंड के रांची की अदालत में स्थानांतरित कर दिये। हालांकि, पीठ ने निर्मला देवी की जमानत रद्द करने का राज्य सरकार का अनुरोध यह कहते हुये ठुकरा दिया कि उनके मामले में जमानत की शर्तो का मामूली हनन हुआ है। पीठ ने निर्मला देवी का यह अनुरोध ठुकरा दिया कि उन्हें भोपाल की बजाय पटना में रहने की अनुमति दी जाये। योगेन्द्र साव अगस्त, 2013 में झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री थे।
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