छत्तीसगढ़

03-Apr-2019 12:21:21 pm
Posted Date

जंगल में जलसंकट, गांवों में आ रहे वन्य प्राणी

० तापमान बढ़ते ही जलस्तर भी घट रहा
महासमुंद, 03 अप्रैल ।  जंगल में जल संकट के कारण जंगली जानवर बेहाल हो गए हैं। पानी और भोजन की तलाश में गांवों की ओर रूख कर रहे हैं। जंगलों में जानवरों की प्यास बुझाने के लिए तालाब भी हैं, पर पानी बूंदभर नहीं। इस कारण जंगली जानवर आबादी इलाकों में घुसकर हमलावर हो गए हैं। 
मंगलवार को भी भालू ने सिरपुर क्षेत्र के ग्राम अचानकरपुर में एक वृद्ध पर फिर से हमला कर घालय कर दिया। वहीं आवारा कुत्तों ने भी एक हिरण पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। वनमंडलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि जंगलों के अंदर वन विभाग ने वन्य प्राणियों के लिए ७२ से अधिक जगहों पर पेयजल की व्यवस्था की है, लेकिन लेकिन गर्मी के दिनों में पानी कम हो जाता है। विभाग लगातार वन्य प्राणियों की व्यवस्था के लिए प्रयास कर रहा है। गौरतलब है कि वन्य प्राणियों के पेयजल के लिए जंगलों में तालाब का निर्माण हुआ है। गर्मी के पूर्व ही ये तालाब सूखने लगते हैं। अप्रैल से जून दो महीने पेयजल के लिए वन्यप्राणी जंगलों में भटकते रहते हैं। फिर पानी और भोजन की तलाश में शहर और गांवों की ओर कूच करते हैं। 
दरवाजे पर खड़ा था बुजुर्ग, भालू ने किया हमला
सिरपुर क्षेत्र के ग्राम अचानकपुर के हीराराम पटेल पिता राम (७०) पर भालू ने हमला कर दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों ने उसे प्राथमिक उपचार के लिए तुमगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जहां, उसे रायपुर रेफर कर दिया गया। जानकारी के अनुसार घायल हीराराम पटेल सुबह पांच बजे अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था। तभी भालू ने उस पर हमला कर दिया। शोरगुल की आवाज सुनकर ग्रामीण एकत्रित हुए और भालू को जंगल की ओर खदेड़ा गया। घटना की सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी मनोज चंद्राकर मौके पर पहुंच घायल को तात्कालिक सहायता राशि दो हजार रुपए नकद प्रदान की।

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