छत्तीसगढ़

20-Aug-2018 6:21:07 pm
Posted Date

6 गांव के छात्र-छात्राओ को नदी में रपटा के उपर से स्कुल जाने परेशानी का सामना करना पड़ता है

 गरियाबंद। सरकार शिक्षा व्यवस्था के लिए करोड़ों रूपए का बजट देकर शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सुधारने के साथ ही विद्दार्थीयों के लिए भी स्कूल तक पहुंचने के लिए पुल-पुलिया बनाकर उचित व्यवस्था करने का दावा करती है। वहीं सरकार के इन दावों की पोल जिले के मैनपुर ब्लॉक के अमलीपदर सूखा नदी में रपटा के उपर बह रहे चार फीट पानी को पार करते हुए सैकड़ों छात्र-छात्राओं को देखकर खुल जाती है। यहां स्थिति यह है कि सुखा नदी में रपटा के उपर लगभग तीन से चार फीट पानी बह रहा है, इसके बाद भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए अंचल के 6 गांव के सैकड़ों छात्र-छात्राएं नदी पार कर स्कूल जाने के लिए मजबूर हो गए है। रपटा पार करते समय सभी छात्र-छात्राएं आपस में एक-दूसरे के पीछे कतारबध्द तरीके से चलते हैं। छात्र-छात्राओं की माने तो उन्हें डर बना रहता है कि कहीं वे हादसे का शिकार न हो जाए, लेकिन इसके बाद भी मजबूरीवश उन्हें रपटा पार कर स्कूल जाना पड़ता है।अमलीपदर निवासी अख्तर मेमन,श्रवण सतपथी का कहना है कि पिछले तीन दशक से सूखा नदी पर पुलिया बनाने की मांग की जा रही है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही देते नजर आते है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कई बार सुराज में भी आवेदन कर पुलिया बनाने की मांग की गई है। इसके बाद भी आज तक उचित कार्रवाई नहीं की जा सकी है। जिम्मेदारों के उदासीन रवैये का खामियाजा स्थानीय ग्रामीण और स्कूली बच्चों को उठाना पड़ रहा है। स्कूली बच्चे और ग्रामीण इसी तरह पुलिया के उपर बह रहे तीन से चार फीट पानी को पार कर अमलीपदर जाने को मजबूर है। ग्रामीणों की माने तो अभी हाल में हुए बारिश में रपटा के उपर से आठ से दस फीट तक पानी बह रहा था। वहीं करीब 10 गांवों का अमलीपदर से संपर्क कट गया था।यहां बताना लाजमी होगा कि अमलीपदर हाईस्कूल में पढ़ने वाले गुढ़ियारी, मुड़ामहान, भाठीपारा, उसरीजोर, डेन्डुपदर,गुरजीभांठा के सैकड़ों छात्र-छात्राएं सुखा नदी पार कर पहुंचने को मजबूर हो जाते है। 6 गांव के छात्र-छात्राओं की माने तो साईकिल लेकर उन्हें पैदल चलके नदी पार करना पड़ता है। वहीं सबसे ज्यादा परेशानी का सामना छात्राओं को करना पड़ता है। छात्राएं एक हाथ में पुस्तक पकड़तीं है और एक हाथ में साईकिल लेकर रपटा पार करती है। यहां बताना लाजमी होगा कि पिछले दिनों सुखी नदी में एक बस हादसे का शिकार हो गई थी।संबंधित अधिकारी को भेजकर पुरी वस्तुस्थिति की जानकारी लेता हूं.इसके बाद जल्द ही उचित कदम उठाया जाएगा।सरकार के विकास संबंधी दावों की हकीकत सूखा नदी के रपटे को पार करते हुए छात्र-छात्राओं को देखकर खुल जाती है। सरकार को देखना चाहिए कि किस तरह छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए जान हथेली में रखकर नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर है।

Share On WhatsApp