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28-Mar-2019 12:38:18 pm
Posted Date

सारी मंजूरियां मिलने के बाद ही माइंडट्री में स्टेक 25 प्रतिशत तक ले जाएगी एलऐंडटी

मुंबई,28 मार्च । लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) को जब तक भारतीय और विदेशी रेग्युलेटर्स से सारी मंजूरियां नहीं मिल जातीं, तब तक वह माइंडट्री के और 5 पर्सेंट शेयर नहीं खरीदेगी। जब तक वह आईटी कंपनी के और 5 पर्सेंट शेयर नहीं खरीदती, तब तक उसे ओपन ऑफर नहीं लाना होगा। वकीलों, इन्वेस्टमेंट बैंकरों और मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि एलऐंडटी आईटी कंपनी में निवेश करके फंसना नहीं चाहती। अगर ओपन ऑफर ट्रिगर होता है और सारे रेग्युलेटरी अप्रूवल नहीं मिलते तो वह फंस जाएगी।
माइंडट्री के संस्थापक एलऐंडटी के कंपनी पर कंट्रोल की कोशिश का खुलकर विरोध कर रहे हैं, जबकि एलऐंडटी ने वादा किया है कि वह सौदे के बाद बेंगलुरु की आईटी कंपनी को अलग इकाई के तौर पर चलाएगी। एलऐंडटी के पास अभी माइंडट्री के 20 पर्सेंट शेयर हैं। 25 पर्सेंट हिस्सेदारी होने के बाद ही कंपनी को माइंडट्री के शेयरहोल्डर्स के लिए ओपन ऑफर लाना होगा। एलऐंडटी ने ब्रोकरेज फर्म एक्सिस कैपिटल को माइंडट्री के और 15 पर्सेंट शेयर मार्केट से खरीदने का अधिकार दिया है, लेकिन उसने यह भी कहा कि ये शेयर सारे रेग्युलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद ही खरीदे जाएं।
सेबी के पूर्व एग्जिक्युटिव डायरेक्टर और स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज के संस्थापक और एमडी जेएन गुप्ता बाजार से माइंडट्री के शेयर खरीदने की शर्त तय करने की वजह से एलऐंडटी से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि सारा जोखिम दूसरे स्टेकहोल्डर्स पर डाल दिया गया है और एलऐंडटी खुद कोई रिस्क नहीं ले रही है। उन्होंने बताया, बाजार से शेयर खरीदने की शर्त तय की गई है। अगर आप मार्केट से शेयर खरीदने की बात करते हैं तो यह पक्की नीयत का सबूत नहीं होता। इस खबर के लिए एलएंडटी ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

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