मुंबई ,28 मार्च । सरकार घाटे में चल रही पब्लिक सेक्टर कंपनियों के शेयर बायबैक करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद वह उन्हें डीलिस्ट कराएगी। कई छोटे निवेशक लंबे समय से इन कंपनियों में फंसे हुए हैं। सरकार के बायबैक से उन्हें इन कंपनियों से निकलने का मौका मिलेगा। एचएमटी और स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (एसटीसी) सहित कम से कम आधा दर्जन कंपनियों को डीलिस्ट कराया जा सकता है क्योंकि वे मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (एमपीएस) नियमों का पालन नहीं कर पाई हैं। यह जानकारी एक आला सरकारी अधिकारी ने दी है। मार्केट रेग्युलेटर सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सभी कंपनियों से अक्टूबर 2020 तक पब्लिक शेयरहोल्डिंग नॉर्म्स का पालन करने को कहा है।
सरकारी अधिकारी ने बताया, हम सेबी से पब्लिक शेयर होल्डिंग नॉर्म्स पूरा करने के लिए और एक्सटेंशन नहीं चाहते। पब्लिक सेक्टर की ज्यादातर कंपनियों के लिए हम इस मामले में कंफर्टेबल हैं क्योंकि निवेशकों की उनमें काफी दिलचस्पी है। हालांकि, घाटे में चलने वाली सरकारी कंपनियों का विनिवेश मुश्किल है, इसलिए हम उन्हें बंद करना चाहते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट ऐंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट (दीपम) घाटे वाली इन कंपनियों को डीलिस्ट कराने के लिए रोडमैप तैयार करेगा। पिछले कई साल से इन कंपनियों का शेयर बाजार में प्रदर्शन खराब बना हुआ है। मिसाल के लिए, एचएमटी का शेयर 2008 के 104 रुपये के पीक से अभी 20 रुपये पर आ गय है। इस कंपनी के 94 पर्सेंट शेयर सरकार के पास हैं और इसमें 18 हजार रिटेल इनवेस्टर्स फंसे हुए हैं।