० गर्मी में ८ करोड़ यूनिट होती है बिजली की खपत
महासमुंद, 28 मार्च । गर्मी आते ही बिजली की खपत बढ़ गई है। मार्च और अप्रैल में प्रतिवर्ष जिले में सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है। जनवरी महीने में लगभग साढ़े तीन करोड़ यूनिट की खपत हुई थी। मार्च महीने में 8 करोड़ यूनिट का अनुमान है। प्रति वर्ष खपत दोगुनी हो जाती है। जिले में 250 मेगावाट बिजली की खपत सामान्य महीनों में होती है।
तापमान बढऩे के साथ घरों में एसी और कूलर उपयोग होने लगा है। रबी फसल के लिए पंप भी खेतों में चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक महासमुंद जिले में ५० हजार कृषि पंप हैं। महासमुंद विकासखंड में 26 हजार पंप है। इस वजह से खपत बढऩे के साथ बिजली की आंख-मिचौली भी शुरू हो जाती है। वर्तमान में बिजली कटौती होने से लोगों को परेशानी बढ़ गई है। विद्युत कंपनी के अधिकारियों के अनुसार शहर में बिजली की खपत प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। मांग के अनुसार जगह-जगह क्षमतानुसार ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं। गांवों में कई ग्रामीण ट्रांसफार्मर लगाने की मांग भी कर चुके हैं। महासमुंद शहर में विद्युत पोलों की शिफ्टिंग का कार्य लगभग पूरा हो गया है। इस कारण मेन रोड के व्यापारियों को करीब एक महीने के बाद कटौती से राहत मिली है।
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गर्मी बढऩे का असर
शहर में अधिकतम तापमान 3८ डिग्री सेल्सियस के आस-पास चल रहा है। न्यूनतम तापमान २२ डिग्री सेल्सियस चल रहा है। इस वजह से लोगों के घरों में एसी, कूलर दिन-रात चल रहे हैं। आगामी दिनों में तापमान और बढ़ सकता है। हालांकि, बिजली विभाग का कहना है कि जो लोड मार्च और अप्रेल महीने में होता है, वो लोड मई व जून के महीने में नहीं होता है। क्योंकि इस महीने कृषि पंप ज्यादा नहीं चलते हैं। इस वजह से खपत भी कम होती है।
वर्सन
गर्मी के दिनों में बिजली की खपत दोगुनी हो जाती है। मार्च महीने में लगभग 8 करोड़ यूनिट खपत होती है। इसकी मुख्य वजह कृषि पंप व एसी हैं, जो ग्रामीण व शहरी क्षत्रों में ज्यादा चल रहे हैं।
सुनील कुमार साहू, डीई, कार्यपालन यंत्री