छत्तीसगढ़

26-Mar-2019 11:23:09 am
Posted Date

राजस्व विभाग की लालफीताशाही से रकम से वंचित रह गए किसान

जगदलपुर, 26 मार्च । केंद्रीय बजट में किसानों को राहत हुए केंद्र सरकार ने दो हेक्टेयर से कम खेती वाले किसानों के खाते में सालाना छह हजार रुपए देने की घोषणा की है। जिसका फायदा बस्तर जिले के एक लाख से अधिक किसानों को मिलने की बात कही गई थी। साढ़े तीन महीने गुजर चुके हैं। 
अब तक इस योजना का लाभ एक भी किसान को नहीं मिला है। किसानों को कहना है कि जिले में राजस्व विभाग समय से आवेदन ले लेता तो जिले में 1 लाख किसानों को 34 करोड़ की सहायता राशि मिल जाती लेकिन पोर्टल में 41 हजार आवेदन अपडेट होने के बाद आचार संहिता लग गई। इस कारण किसानों को रुपए नहीं मिल पाए। किसानों ने कहा कि राजस्व विभाग ने देरी से काम शुरू किया। पटवारियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। 
इसी बीच आचार संहिता लग गई और आवेदनों की एंट्री भी बंद हो गई। इस योजना में जिले के 148 पटवारी ग्राम पंचायतों में शिविर के जरिए किसानों से आवेदन ले रहे थे। 
बस्तर जिले में दर्ज लघु एवं सीमांत किसानों के हिसाब से यह राशि सालाना करीब 31 करोड़ 20 लाख रुपए होती है। इस योजना का लाभ सबसे अधिक जिले के बस्तर, बकावंड और जगदलपुर ब्लाक के किसानों को मिलने की बात कही गई है। 
भू अभिलेख कार्यालय अधीक्षक मधुकर सिरमौर ने कहा कि योजना के लागू होने के होने के बाद 148 पटवारी किसानों से आवेदन जमा करवा रहे थे। काम में देरी नहीं की गई है। आचार संहिता के चलते पटवारी यह काम इन दिनों नहीं कर रहे हैं। जो किसान कार्यालय में आकर डॉक्यूमेंट व फार्म जमा कर रहा है उसका आवेदन लेकर उसकी आन लाइन इंट्री की जा रही है। अब तक करीब 35 फीसदी किसानों की इंट्री कर ली गई। उन्हें पहली किश्त की राशि नहीं मिली है। 

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