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25-Mar-2019 11:50:29 am
Posted Date

जेट एयरवेज में छटेंगे संकट के बादल

0-लोन को हरी झंडी, इस्तीफा देंगे गोयल
नई दिल्ली ,25 मार्च । जेट एयरवेज पर छाए संकट के बादल आनेवाले दिनों में कुछ हद तक छंट सकते हैं। एयरलाइंस के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल सोमवार को बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। दूसरी तरफ जेट एयरवेज को आपातकालीन फंड मिलने का रास्ता भी दिख रहा है। इसमें पंजाब नैशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 25 साल पुरानी इस एयरलाइंस को प्राथमिकता पर फंड दिया जाएगा।
नरेश गोयल के हटने के बाद जेट के ऋणदाता संघ के सदस्य उनके 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को एयरलाइंस में मिला सकते हैं। जिसके बाद आनेवाले हफ्तों में नए खरीददार की तलाश शुरू की जाएगी। नरेश के बाद सीईओ विनय दुबे जेट एयरवेज को संकट से बाहर निकालने की पूरी कोशिश करेंगे। ऋणदाता संघ द्वारा प्राथमिकता पर फंड मिलने से जेट एयरवेज को मदद मिलेगी। अब जबतक कंपनी को बचाने का कोई नया प्लान नहीं बन जाता तबतक यह चलती रह सकेगी।
एसबीआई शुरुआत से अबतक जेट एयरवेज को आपातकाल फंड देने के खिलाफ रहा है। बैंक इस समस्या का सही समाधान चाहता था लेकिन अब वह फंड देने को तैयार है। लेकिन अब चुपचाप इसलिए मान गया होगा क्योंकि अगर जेट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू हुई तो बैंक को ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा। उसके हिस्सा सिर्फ ब्रैंड का नाम और कुछ रूट्स आएंगे। क्योंकि जेट के 119 विमानों में से कुछ ही उसके अपने हैं।
फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है। इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं। अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा। एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है। जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे।

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