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24-Mar-2019 12:55:42 pm
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शत्रु संपत्तियों की बिक्री, पुनर्खरीद से सरकार को मिले 11,300 करोड़ रुपये

नई दिल्ली। शत्रु शेयरों की बिक्री तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में पुनर्खरीद से सरकार ने इस वित्त वर्ष में 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है। इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 85 हजार करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिली है। यह किसी भी वित्त वर्ष में अब तक का विनिवेश का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।  
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को कंपनियों के शत्रु शेयर बेचने की मंजूरी दी थी। इसके बाद शत्रु शेयरों को बेचकर सरकार ने 700 करोड़ रुपये हासिल किए। इसके अलावा सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की पुनर्खरीद से 10,600 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं। 
वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने लगातार दूसरे साल विनिवेश से लक्ष्य से अधिक राशि जुटाई। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में 80 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य तय किया गया था। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने 72,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे। चालू वित्त वर्ष में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (श्वञ्जस्न) से सर्वाधिक 45,729 करोड़ रुपये जुटाए गए। इसके बाद सरकारी पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन में आरईसी द्वारा सरकार की 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने से सरकार को 14,500 करोड़ रुपये मिले। 
पांच कंपनियों से मिले 1,929 करोड़ रुपये 
सरकार को पांच कंपनियों एमएसटीसी, आरआईटीईएस, इरकॉन, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और मिधानी के आईपीओ से 1,929 करोड़ रुपये मिले। सरकार को कोल इंडिया की बिक्री पेशकश (ओएफएस) से 5,218 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक में एसयूयूटीआई की हिस्सेदारी बेचने से 5,379 करोड़ रुपये मिले। पुनर्खरीद से भी सरकार को 10,600 करोड़ से अधिक मिले। पुनर्खरीद में ओएनजीसी, आईओसी, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया और एनएलसी जैसी कंपनियां शामिल रहीं। सरकार ने अगले वित्त वर्श के लिये 90 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। 
क्या है शत्रु संपत्ति 
वैसे लोग जो अब भारत के नागरिक नहीं हैं और चीन या पाकिस्तान चले गए हैं, इनकी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है।

 

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