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06-Aug-2018 4:28:22 pm
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एलोपैथिक डॉक्टर पर्चे पर आयुर्वेदिक दवा लिखते हैं तो उन्हें जेल हो जाएगी

नई दिल्ली : दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद एक्ट 1998 के तहत अगर कोई एलोपैथिक डॉक्टर पर्चे पर आयुर्वेदिक दवा लिखते हैं तो उन्हें जेल हो जाएगी. दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने एडवाइजरी जारी की है. इस नए आदेश के मुताबिक कोई भी एलोपैथिक डॉक्टर लिव 52, सिस्टोन, सेप्टिलाइन, M2 टोन, एम्लिक्योर डीएस, नीरि, एमिकोरिडियल प्रेसक्राइब नहीं कर पाएंगें. दरअसल, ये इसलिए किया गया है क्योंकि एलोपैथिक मेडिसिन प्रैक्टिस करने वाले कई डॉक्टर आर्युवेद की नॉलेज नहीं रखते और आर्युवेद काउंसिल में रजिस्टर भी नहीं हैं. ऐसे में अगर वे आयुर्वेदिक दवाइयां प्रेसक्राइब भी करते हैं तो उन्हें जेल हो सकती है. क्योंकि इससे पहले एलोपैथिक डॉक्टरों ने भी यही कहकर विरोध किया था कि होमियोपैथिक डॉक्टर कैसे एलोपैथिक दवाएं प्रेसक्राइब करते हैं.  दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार गिरिश त्यागी ने कहा, क्रॉसपैथी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी. भले ही कोई आर्युवेद का डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं लिख देते हैं या कोई एलोपैथिक डॉक्टर होमियोपैथी दवाएं लिख देते हैं. ऐसा नहीं चलेगा और अगर अब ऐसा हुआ तो उस डॉक्टर सीधे जेल हो जाएगी. आर्युवेद काउसिंल ऐसे डॉक्टर के खिलाफ एक्शन ले सकता है. दरअसल, मामला कुछ ऐसा होता है कि आयुर्वेदिक दवाएं एलोपैथिक पर्चे के साथ सप्लिमेंट्स के तौर पर दे दी जाती है. आयुर्वेदिक दवाओं में- लिव 52 ये एक कॉमन दवा है जो लिवर के लिए, सिस्टोन किडनी के लिए दी जाती है.

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