छत्तीसगढ़

18-Mar-2019 12:47:46 pm
Posted Date

केदार बस्तर से मोहन मंडावी कांकेर से भाजपा के होंगे प्रत्याशी

० बस्तर कांग्रेस से दीपक, कांकेर से वीरेश ठाकुर आजमायेंगे भाग्य 
० 20 वर्षो से बस्तर और कांकेर संसदीय सीट पर काबिज भाजपा सत्ता परिवर्तन के बाद क्या बचा पाएगी दोनों सीटें

जगदलपुर, 18 मार्च । 17 वीं लोकसभा के चुनाव के प्रथम चरण में अजजा वर्ग के लिए सुरक्षित बस्तर संसदीय क्षेत्र के  निर्वाचन के लिए अधिसूचना 18 मार्च को जारी होने के साथ ही लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बस्तर के दोनों ही संसदीय सीट के लिए तेज हो गयी है। भाजपा सहित अन्य दल प्रत्याशी चयन में जुट गए हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के मध्य होने की उम्मीद है। बस्तर कभी कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती थी, किंतु पिछले 20 वर्षों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है। प्रत्याशी चयन के मामले में कांग्रेसी बस्तर की दोनों संसदीय सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करके भाजपा से बढ़त बना ली है। 
लोकसभा उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस ने उन नेताओं के परिवार वालों से किनारा कर लिया है, जो पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस को जीत नहीं दिला पा रहे थे। कांग्रेस ने बस्तर से कर्मा और लखमा परिवार से अलग हटकर युवा नेता दीपक बैज को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांकेर में अरविंद नेताम और फूलोदेवी नेताम के परिवार कन्नी काटकर बिरेश ठाकुर को मैदान में उतारा है। 
इधर दूसरी ओर भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा अब तक नहीं कर पाई है। भाजपा सूत्रों की माने तो बस्तर से पूर्व मंत्री केदार कश्यप का नाम लगभग तय हो गया है। वहीं कांकेर संसदीय सीट के लिए मोहन मंडावी का नाम तय होने की जानकारी है। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर के निधन के बाद घोषणा को टाल दिया गया है। जल्द ही औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। 
बस्तर संसदीय सीट से केदार कश्यप को उम्मीदवार बनाए जाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। बस्तर की दोनों ही सीट कांग्रेस-भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई का केंद्र बिंदु साबित होने जा रही हैं। छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद हुए तीन लोक सभा चुनाव में भाजपा बस्तर लोकसभा की दोनों सीटें जीती है। इससे पहले 1999 के चुनाव में भी भाजपा ने ही परचम लहराया था। 1996 के चुनाव में बस्तर सीट पर कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा निर्दलीय के रूप में जीते थे, लेकिन कांग्रेस तब भी यहां से हारी थी। वर्तमान परिस्थिति में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भारी बहुमत  की  कांग्रेस की सरकार  छत्तीसगढ़ में  है। इस बदली हुई  परिस्थितियों के साथ कांग्रेस बस्तर की दोनों ही लोकसभा सीट जीतकर अपनी पुराने अजेय गढ़ को पुन: स्थापित करना चाहेगी। वहीं दूसरी ओर भाजपा बस्तर की दोनों लोकसभा सीटों को विगत 20 वर्षों की भांति अपने कब्जे को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक देगी।
बस्तर लोकसभा सीट में लंबे समय बाद कर्मा और लखमा परिवार से अलग हटकर टिकट दिया गया है। कांग्रेस बस्तर में युवा नेतृत्व खड़ा कर लोहड़ीगुड़ा में किसानों की जमीन वापसी के मुद्दे को भुनाना चाहती है। कांग्रेस की रणनिति को देखते हुए भाजपा ने अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे को बस्तर की प्रतिष्ठापूर्ण सीट को जीतने के लिए भाजपा के सबसे दिग्गज नेता केदार कश्यप को उम्मीदवार बना कर मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर रही है। कांकेर संसदीय सीट से मोहन मंडावी को उम्मीदवार बना कर एक बड़ा दांव खेला है। मोहन मंडावी छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ शाखा कांकेर के पूर्व उपाध्यक्ष व समाजसेवी होने के साथ ही लोक सेवा आयोग के सदस्य भी हैं। वर्तमान में तुलसी मानस प्रतिष्ठान के प्रांताध्यक्ष भी हैं। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी दिनेश ठाकुर भानुप्रतापपुर के पूर्व जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं। 

Share On WhatsApp