रायगढ़। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रायगढ़ जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत हुए युक्तियुक्तकरण के संबंध में प्रेस-वार्ता ली। उन्होंने कहा कि शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने राज्य शासन द्वारा शिक्षकों एवं शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया है। युक्तियुक्तकरण से बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण एवं सुविधाएं सुनिश्चित हो पाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
कलेक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि नगरीय इलाकों में विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक थी। वहीं दूरस्थ ग्रामीण अंचलों की शालाओं में स्थिति इसके विपरीत थी। जिससे शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होने के साथ अध्यापन कार्य में असंतुलन की स्थिति बनी हुई थी। जिससे परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहे थे। वर्तमान में शिक्षकों एवं शालाओं का युक्तियुक्तकरण होने से एकल एवं शिक्षक विहीन शालाओं को शिक्षक मिले है। जिससे अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो पाएगा।
कलेक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि रायगढ़ जिले में 21 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन एवं 267 शालाएं एकल शिक्षकीय थे। वहीं 2 पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षकविहीन और 18 एकल शिक्षकीय थे। जिले के प्राथमिक स्कूलों में 702 शिक्षक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 154 शिक्षकों की आवश्यकता थी, जिसे अतिशेष शिक्षकों के माध्यम से युक्तियुक्तकरण के पश्चात पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि युक्तियुक्तकरण से शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता के साथ ही एक ही परिसर में विद्यालय होने से आधारभूत संरचना मजबूत होगी और स्थापना व्यय में भी कमी आएगी। जिले में 7 शालाओं का समायोजन किया जा रहा है। 553 विद्यालय 497 विद्यालयों में संविलियन हो जायेंगे। सिर्फ उन्हीं स्कूलों का समायोजन किया जा रहा है, जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम है एवं पास में बेहतर विकल्प मौजूद है। एक ही परिसर में स्थित विद्यालयों को समाहित कर क्लस्टर मॉडल विकसित किया जा रहा है।
कलेक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि अतिशेष शिक्षकों का पुन: समायोजन कर एकल शिक्षक शिक्षकीय और शिक्षक विहीन विद्यालयों में पदस्थापना की जा रही है। युक्तियुक्तकरण से लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और बच्चों को पढ़ाई में गुणवत्ता के साथ ही निरंतरता भी बनी रहेगी। जिससे बच्चों के ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी और अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाईब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।
युक्तियुक्तकरण से मिले एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन शालाओं को शिक्षक
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने प्रेस-कान्फे्रंस के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि रायगढ़ जिले में 21 प्राथमिक शाला और 2 माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन थे तथा 267 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय, हाईस्कूल छोटेमुड़पार, पामगढ़ विकासखण्ड खरसिया तथा हायर सेकेण्डरी महलोई विकासखण्ड तमनार एवं कन्या हायर सेकेण्डरी खरसिया जिन स्कूलों में विगत कई वर्षो से पद स्वीकृति नहीं होने के कारण शिक्षकों की पदस्थापना नहीं होने से अध्यापन व्यवस्था में कठिनाई हो रही थी। युक्तियुक्तकरण से सभी शिक्षक विहीन, एकल शिक्षकीय शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति हुई तथा उक्त 2 हाईस्कूल एवं 2 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति करते हुए पद संरचना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। रायगढ़ जिले में सभी स्कूलों में शिक्षकों की समुचित व्यवस्था हो गई है। अब आगामी शिक्षा सत्र में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित होगी।
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