नई दिल्ली ,16 मार्च । हाल के महीनों में सुस्ती के बावजूद चालू वित्त वर्ष में निर्यात 2013-14 के रेकॉर्ड स्तर को पार करने की राह पर है। शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में निर्यात 2.5 फीसदी बढक़र 26.7 अरब डॉलर रहा। इस दौरान इंजिनियरिंग गुड्स, केमिकल्स, राइस, कॉटन यार्न और फैब्रिक्स के निर्यात में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जबकि तेल उत्पादों के निर्यात में 7.7 फीसदी की गिरावट देखी गई। फरवरी में सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद और कच्चे तेल का आयात कम रहा, जिसके कारण आयात बिल 5.4 फीसदी घटकर 36.3 अरब डॉलर का रहा। इससे व्यापार घाटा घटकर 9.6 अरब डॉलर का हो गया, जो पिछले साल फरवरी में 12.3 अरब डॉलर पर रहा था। वस्तुत: फरवरी के दौरान, करीबी नजर रखे जाने वाले 30 सेक्टर्स में से 12 सेक्टर्स के निर्यात में गिरावट देखी गई।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-फरवरी के दौरान भारत का निर्यात 8.8 फीसदी बढक़र 298.5 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि आयात 10 फीसदी बढ़ोतरी के दायरे में रहकर 464 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
पॉलिसीमेकर्स और व्यापार विशेषज्ञ निर्यात के आंकड़े पर करीबी निगाह बनाए हुए हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार निर्यात के स्तर को अब तक उम्मीद के अनुरूप बढ़ा नहीं पाई है। सरकारी अधिकारियों ने इसका ठीकरा वैश्विक निर्यात में मंदी और दुनियाभर में बढ़ रहे संरक्षणवाद खासकर अमेरिका पर फोड़ा है।
मोदी सरकार को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में निर्यात लगभग 330 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जिससे वह यूपीए सरकार के अंतिम वर्ष के दौरान निर्यात के रेकॉर्ड 314 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।