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16-Mar-2019 12:31:50 pm
Posted Date

पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट के लिए चीन से 10 अरब डॉलर का कर्ज लिया: अमेरिकी जनरल

वॉशिंगटन,16 मार्च  । अमेरिका के शीर्ष जनरल ने कहा है कि पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट तथा अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए अपने सदाबहार मित्र चीन से कम से कम 10 अरब डॉलर का कर्ज लिया है। शीर्ष अमेरिकी जनरल ने प्रभुत्व के विस्तार के लिए चीन की कर्ज के जाल में फंसाकर कब्जा करने वाली रणनीति को रेखांकित करते हुए यह बात कही है।
अरब सागर के किनारे पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन ग्वादर पोर्ट का निर्माण चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत कर रहा है और इसे पेइचिंग की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) तथा मेरिटाइम सिल्क रोड प्रॉजेक्ट्स के बीच एक कड़ी माना जा रहा है। 
यूएस जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने गुरुवार को सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी से कहा, कुछ उदाहरणों पर गौर कीजिए। कर्ज के जाल में फंसकर श्रीलंका को अपने डीप-वाटर पोर्ट में 70 फीसदी की हिस्सेदारी चीन को 99 साल के लिए लीज पर देनी पड़ी। 
उन्होंने कहा कि मालदीव ने निर्माण कार्यों के लिए चीन से लगभग 1.5 अरब डॉलर का कर्ज लिया है, जो उसके जीडीपी का लभग 30 फीसदी है। डनफोर्ड ने कहा, पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट और अन्य प्रॉजेक्ट्स के लिए चीन से कम से कम 10 अरब डॉलर का कर्ज लिया है। 
उन्होंने कहा, चीन अपने प्रभुत्व के विस्तार के लिए कर्ज बांटकर कब्जा करने की रणनीति के जरिये दादागीरी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के देशों में यह जागरुकता आ रही है कि चीन के ओबीओआर के जरिये इकनॉमिक फ्रेंडशिप की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, अगर निवेश के वादे अधूरे रह जाएंगे और इससे अंतरराष्ट्रीय मानक और सुरक्षा खतरे में आ जाएगी।

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