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18-May-2025 7:47:05 pm
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आईएमएफ से पाकिस्तान को झटका, लोन की अगली किश्त जारी करने से पहले लगाई 11 शर्तें

इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। आईएमएफ ने बैलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान पर 11 शर्तें लगा दी हैं। अगर पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा करेगा तो ही उसे अगली किस्त मिलेगी।
इन शर्तों में बजट की संसदीय मंजूरी, बिजली उपभोक्ताओं पर लगने वाले कर्ज सेवा अधिभार में बढ़ोतरी और 3 साल से ज्यादा पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ द्वारा लागू की गईं शर्तों में 17.6 लाख करोड़ रुपये के अगले बजट को संसदीय मंजूरी दिलाना, वित्त वर्ष 2026 का बजट संसद से पारित कराना, जिससे आईएमएफ के लक्ष्य जून, 2025 तक पूरा किया जा सके और कृषि आय कर पर नई नीति लागू करना शामिल है।
इसमें आयकर जमा करने, लोगों को कर के दायरे में लाने और जागरूकता फैलाने की योजना शामिल है। ये काम जून, 2025 तक करने होंगे।
आईएमएफ ने ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी भी कई शर्तें लगाई हैं।
1. एक जुलाई तक बिजली दरों में सालाना संशोधन लागू करना, ताकि लागत के मुताबिक कीमत तय हो सके।
2. 15 फरवरी, 2026 तक गैस दरों में छमाही संशोधन लागू करना, जिससे सब्सिडी खत्म हो सके।
3. सिल सशक्त उद्योगों को राष्ट्रीय ग्रिड से जोडऩे के लिए कैप्टिव पावर लेवी को स्थायी कानून बनाना।
4. बिजली सेवा अधिभार पर 3.21 रुपये प्रति यूनिट की सीमा को खत्म करना।
आईएमएफ ने ये भी चेतावनी दी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की मौजूदा स्थिति, विशेषकर हालिया सैन्य गतिविधियों को देखते हुए पाकिस्तान की राजकोषीय स्थिति, बाह्य खातों और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों पर सीधा असर पड़ सकता है।
आईएमएफ ने कहा कि पिछले 2 हफ्तों में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ा, लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है।
इन नई शर्तों के साथ अब तक आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान पर 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं।
पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए बैलआउट पैकेज का विरोध कर रहा था। भारत ने पैकेज पर मतदान में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि, आईएमएफ ने 130 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दे दी थी।
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि आईएमएफ को पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहयोग की राशि को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करता रहा है।

 

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