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16-May-2025 8:06:55 pm
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अब इस्कॉन बेंगलुरु के पास रहेगा हरे कृष्ण मंदिर का नियंत्रण, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने इस्कॉन बेंगलुरु और इस्कॉन मुंबई के बीच दशकों से चल रहे मालिकाना हक विवाद पर शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस निर्णय को रद्द कर दिया, जिसमें बेंगलुरु के हरे कृष्ण मंदिर की संपत्ति पर हक इस्कॉन मुंबई को दिया गया था। अब इस फैसले के बाद हरे कृष्ण मंदिर का नियंत्रण इस्कॉन बेंगलुरु के पास रहेगा। यह विवाद बेंगलुरु स्थित हरे कृष्ण मंदिर और उससे जुड़े शैक्षणिक संस्थान की मालिकाना हक को लेकर था।
साल 2011 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस्कॉन मुंबई के पक्ष में फैसला दिया था, जिसे इस्कॉन बेंगलुरु ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई 2023 को इस पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब करीब 10 महीने बाद यह बहुप्रतीक्षित निर्णय सुनाया गया है।
इस मामले में पहले स्थानीय अदालत ने इस्कॉन बेंगलुरु के पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन हाईकोर्ट में यह पलट गया। इसके बाद 2 जून 2011 को इस्कॉन बेंगलुरु ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस्कॉन बेंगलुरु ने यह दावा किया कि वह कर्नाटक में एक स्वतंत्र रूप से पंजीकृत संस्था है और मंदिर का संचालन पिछले कई दशकों से बिना किसी बाहरी नियंत्रण के कर रही है।
इसके विपरीत, इस्कॉन मुंबई का कहना था कि इस्कॉन बेंगलुरु उनके मातहत आने वाली संस्था है, और मंदिर की संपत्ति पर अधिकार उन्हें होना चाहिए। जस्टिस ए. एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की दो सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि इस्कॉन बेंगलुरु एक स्वतंत्र संस्था है, और मुंबई इस्कॉन का उस पर कोई कानूनी नियंत्रण नहीं है। यह फैसला जस्टिस ओका ने लिखा, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया गया है।

 

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