छत्तीसगढ़

15-Mar-2019 12:37:32 pm
Posted Date

हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई वन विभाग बना मूकदर्शक

होलिका दहन करने जंगल से लडक़ी कटाई जारी
रायगढ़। रंग होली में होलिका के मद्देनजर जंगलों से इमारती लकडिय़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है।ग्रामीण क्षेत्रों में हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई लगातार जारी है। लकड़ी माफिया इमारती पेड़ों पर आरियां चलाकर लकडिय़ों से मोटी रकम कमा रहे हैं। तो दूसरी तरफ जंगलों को व्यापक स्तर में क्षति पहुंचा रहे है। लकड़ी तस्करों के हावी होने पर इसका जिसका खामियाजा लकड़ी जंगल व वन्य जीव, प्रकृति उठाना पड़ रहा है। इसकी भनक वन अमला को भी है। परंतु विभागीय जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ आंख मूंद कर बैठे हुए है।
सूचना के बाद भी संबंधित विभाग के जिम्मेदार स्थल पर नहीं पहुंच पाते वही मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने से पूरे जिले भर में लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। दशकों पुराने पेड़ों की कटाई कर लकड़ी तस्कर आरा मील व ईंट भ_ों में बेचकर मालामाल हो रहे हैं। आरा मशीन संचालक भी तस्करों से पूरा लाभ उठा रहे हैं। वो भी इन लकडियों को और महंगे दर पर बेचकर खजाना भर रहे हैं। वही इन तस्करों के कारण मैदानी हरियाली खत्म हो रही है, पर्यावरण संतुलन भी बिगड़ रहा है। इसमें प्रशासन की कोई रोक-टोक नहीं होने के कारण अवैध कटाई करने वालों के हौसले बुलंद हैं। जिसमे सबसे अधिक असर धमरजयगढ़, तमनार लैलूंगा, जामगांव, लामीदरहा, सहित दो दर्जन जंगलों में व्यापक असर है।
पर्यावरण संरक्षण में बड़ी बाधक है लकड़ी तस्कर
विभागीय निष्क्रियता के कारण प्रतिबंधित कहुआ वृक्ष, आम, रिया एवं इमारती लकडियों को बेधडक़ काटे जा रहे हैं। इसमें सरकार को आर्थिक नुकसान तो हो रहा है, पर पर्यावरण संरक्षण में ये लोग बड़ी बाधा पहुंचा रहे हैं। 
  फिर भी राजस्व एवं वन विभाग दोनों का अमला ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है । इससे तस्करों के आगे विभाग नतमस्तक नजर आ रहा है।

 

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