इस्लामाबाद । भारत के जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है। एक तरफ जहां पाकिस्तान आंतरिक रूप से दहशत में है, वहीं दूसरी ओर वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान सरकार के आर्थिक सलाहकार विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट जारी कर विश्व बैंक सहित तमाम अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से आर्थिक सहायता की अपील की है।
पोस्ट में कहा गया है, हम युद्ध जैसे हालात और शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील करते हैं। साथ ही, देशवासियों से संयम और एकजुटता बनाए रखने की भी अपील की गई है।
पाकिस्तान ने आर्थिक तंगी से उबरने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक और राहत पैकेज की मांग की है। आज इस सिलसिले में ढ्ढरूस्न की एक अहम बैठक होनी है, जिसमें भारत भी सदस्य देश होने के नाते भाग लेगा। भारत इस मंच का उपयोग पाकिस्तान के आतंकवाद के चेहरे को उजागर करने के लिए कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत बैठक में यह जोरदार तरीके से उठाएगा कि पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद देना वैश्विक आतंकवाद को अप्रत्यक्ष समर्थन देने जैसा होगा। हालांकि, अमेरिका और चीन जैसे ढ्ढरूस्न के बड़े हिस्सेदार देशों की तरफ से इस प्रस्ताव को लेकर फिलहाल विरोध की संभावना कम है, जिससे पाकिस्तान को राहत मिलने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
गौरतलब है कि भारत ने 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले का कड़ा जवाब दिया था। इसके बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता और बढ़ गई है। मौजूदा हालातों में पाकिस्तान न सिर्फ कूटनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ रहा है, बल्कि उसकी आर्थिक रीढ़ भी चरमराने लगी है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ढ्ढरूस्न की बैठक में भारत किस तरह से अपनी बात रखता है और क्या पाकिस्तान को इस बार भी आर्थिक राहत का पैकेज मिल पाता है या नहीं।
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