इस्लामाबाद । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में आए भारी तनाव के बीच, पाकिस्तान एक बार फिर आर्थिक मदद के लिए अपने करीबी दोस्त चीन की ओर देख रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने चीन से 10 अरब युआन (लगभग 1.4 अरब डॉलर) का अतिरिक्त कर्ज मांगा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान ने चीन से अपनी मौजूदा ‘स्वैप लाइन’ (दो देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच मुद्रा अदला-बदली का समझौता) को 10 अरब युआन तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। वित्त मंत्री औरंगजेब ने अमेरिका के वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (ढ्ढरूस्न) और विश्व बैंक की बैठकों के दौरान रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पास पहले से ही चीन के साथ 30 अरब युआन की स्वैप लाइन है। पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि वह इस साल के अंत से पहले ‘पांडा बॉन्ड’ (चीन के घरेलू बाजार में गैर-चीनी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए बॉन्ड) भी लॉन्च करेगा।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने चीन से अतिरिक्त वित्तीय सहायता मांगी है। इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी पाकिस्तान ने चीन से 10 अरब युआन के अतिरिक्त कर्ज का अनुरोध किया था। नकदी की भारी किल्लत का सामना कर रहा पाकिस्तान पहले ही चीन से मिली 30 अरब युआन (करीब 4.3 अरब डॉलर) की मौजूदा व्यापार सुविधा का उपयोग कर चुका है।
पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों और दोनों देशों के बीच बढ़ी तनातनी के माहौल में पाकिस्तान की यह कर्ज मांग उसकी कमजोर आर्थिक स्थिति और मित्र देशों पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाती है।
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