छत्तीसगढ़

14-Mar-2019 2:40:09 pm
Posted Date

गायनिक वार्ड बेहाल एक बिस्तर में दो प्रसूता जच्चा बच्चा दोनों की जान पर खतरा

 रायगढ़। मेडिकल कालेज अस्पताल अपनी बदइंतजामी के कारण सुर्खियों में बना रहता है। जिसमें गायनिक वार्ड में प्रसूति के लिए आये प्रसूताओं को अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है। जिसमें गायनिक वार्ड में एक बिस्तर दो महिला मरीज को रखकर प्रबंधन इलाज करने व मरीज इलाज कराने को मजबूर है। जिसका दंश प्रसूता व नवजात शिशु के जीवन पर कई तरह का खतरा बना रहता है।
देखा जाए तो मेकाहारा गायनिक वार्ड में तीनों वार्ड में 68 बिस्तर है जिसमें अमूमन नार्मल डिलीवरी वार्ड में मरीजो की संख्या अधिक होने के कारण प्रसूताओं को एक बिस्तर में दो से तीन मरीजो के बीच इलाज करवाना पड़ता है। यही हाल सिजेरियन का परंतु इस वार्ड में ऐसी स्थिति कम ही बनती है। इसके पीछे अस्पताल प्रबंधन अधिक मात्रा में प्रसूताओ के आने पर व स्थान छोटा होने पर उक्त स्थिति उत्पन्न होने की बात कह रहे है। इस तरह मरीजो को जब तक इलाज लेना होता है उन्हें पूरे अव्यवस्था के बीच दिन रात गुजारना पड़ता हैं। जो जच्चा बच्चा की जान पर आफत बन सकता है यह कहना गलत नही होगा।
इंफेक्शन का बना रहता है खतरा
नवजात एक्सपर्ट शिशुओं के डाक्टर एएम श्रीवास्तव के मुताबिक प्रसूता व नवजात को भीड़ भाड़ वाले इलाके में समान्यत: जन्म के पखवाड़े भर बाद भी दूरी बनाए रखना चाहिए, अगर इस तरह रक बिस्तर में रखना दोनों के जीवन पर खतरा बना रहता है इसमें सबसे अधिक इंफेक्शन का की आशंका रहती है। वही इस बात से मेकाहारा प्रबंधन से लेकर अस्पताल में मौजूद नर्स डाक्टर भी मान रहे है किंतु उक्त व्यवस्था के आगे सभी पस्त है।
समय से पहले डिस्चार्ज का मामला
मेकाहारा गायनिक वार्ड में कई बार समय से पहले डिस्चार्ज करने का मामला भी सामने आ चुका है जिसमें डाक्टर व नर्स केवल व्यवस्था बनाने के लिए सामान्य डिलीवरी में जन्मे बच्चे को छुट्टी दे देते है । 

 

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