छत्तीसगढ़

14-Mar-2019 2:18:42 pm
Posted Date

नरवा, घुरवा, गरवा, बाड़ी के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ब्रिटिश संसद ने सराहा

० ब्रिटिश संसद ने टाटा संयंत्र की जमीन किसानों को वापस करने के लिये भूपेश बघेल को प्रशस्ति पत्र भी भेजा
० भूपेश बघेल को ब्रिटिश संसद में संबोधन का न्योता भेजा : मुख्यमंत्री का यह सम्मान पूरे छत्तीसगढ़ का सम्मान है - कांग्रेस 

रायपुर,13 मार्च ।  प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बस्तर में टाटा संयंत्र के लिये अधिग्रहित जमीन उसके मूल मालिक किसानों को वापस करने तथा नरवा, घुरवा, गरवा, बारी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित योजना को राज्य में लागू करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णयों की ख्याति अब विदेशों तक फैल गयी है। ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कामंस और हाउस ऑफ लार्डस ने इस ऐतिहासिक निर्णय और प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित योजना लागू करने के लिये सम्मानित करने का निर्णय लिया है। ब्रिटिश संसद के दोनों सदनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संबोधित करने का निमंत्रण भी भेजा है। 
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह सम्मान प्रदेश के 2.5 करोड़ नागरिकों का सम्मान है। यह सम्मान कांग्रेस की जन सरोकारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का भी सम्मान है। राज्य की नई सरकार ने अपने 80 दिन के अल्प अवधि के कार्यकाल की प्राथमिकता में राज्य के आम आदमी, गांव-गरीब और किसान को रखा है। यही कारण है कि सरकार के पहले निर्णय का केन्द्र बिन्दु किसान रहे उनका कर्जमाफ किया गया। 
किसानों को उनकी उपज धान का भरपूर कीमत 2500 रू. प्रतिक्विंटल दिया गया। किसानों की अधिग्रहित जमीन वापस की गयी। कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण ईकाई लगाने का शिलान्यास किया गया। वन अधिकार पट्टों का वितरण शुरू कर तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. प्रतिमानक बोरा कर के आदिवासियों के सशक्तिकरण का मार्ग खोला गया। 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा कर दिया गया। छोटे भू-खण्डो की खरीदी बिक्री शुरू कर गरीब और सामान्य नागरिको को राहत दी गयी। 
युवाओं को सामाजिक कार्यो से जोडक़र उन्हें रचनात्मक कार्यो से जोडऩे के लिये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया। इसके लिये एक कमेटी का गठन किया गया। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने एक सर्वदलीय कमेटी बनाकर अध्ययन कर शीघ्र रिपोर्ट देने की कवायद शुरू हुई। प्रथम चरण में 50 शराब दुकाने बंद करने का निर्णय लिया गया। पत्रकार सुरक्षा कानून बना कर अभिव्यक्ति की सुरक्षा को संरक्षण देने का प्रयास किया गया। राज्य के मूल निवासी सुरक्षा बलों के जवानों के परिजनों के भविष्य सुरक्षित करने की घोषणा हुई। वर्षो से काम के बोझ के तले दबे पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दकर उन्हें और उनके परिजनों को मानसिक और शारीरिक राहत दी गयी। 
कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इन निर्णयों की प्रशंसा यदि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है तो यह राज्य के हर नागरिक के लिये गर्व का विषय है। छत्तीसगढ़ के मतदाताओं का अभिनंदन है। जिन्होने इतनी संवेदनशील सरकार चुनी और उसे काम करने का अवसर दिया। 

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