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वाशिंगटन,14 मार्च । भारत और अमेरिका ने सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार व उनकी वितरण प्रणाली और आतंकवादियों व नॉन-स्टेट एक्टर्स तक ऐसे हथियारों की पहुंच को रोकने के लिए एक साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। दोनों देशों ने बुधवार को वॉशिंगटन में आयोजित भारत-अमेरिका रणनीतिक सुरक्षा वार्ता के नौवें दौर में वैश्विक सुरक्षा और अप्रसार चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव विजय गोखले ने किया जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड्रिया थॉम्पसन ने किया। विदेश मामलों के मंत्रालय ने कहा, इस दौरान दोनों पक्षों ने सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार व उनकी वितरण प्रणाली और आतंकवादियों व नॉन-स्टेट एक्टर्स तक ऐसे हथियारों की पहुंच को रोकने के लिए एक साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की एक फिर पुष्टि की।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्ष द्विपक्षीय सुरक्षा और असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें भारत में छह अमेरिकी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना भी शामिल है। अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की शुरुआती सदस्यता के लिए अपने मजबूत समर्थन की फिर से पुष्टि की।
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