छत्तीसगढ़

13-Mar-2019 10:09:56 am
Posted Date

बाल विवाह रोकने ग्रामीण क्षेत्रों में बाल संरक्षण टीम गठित

कोरबा 13 मार्च । बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल संरक्षण टीम का गठन किया जा रहा है। टीम के माध्यम से परियोजना अधिकारी को बाल विवाह की सूचना दी जाएगी। सूचना के आधार पर परिजनों को समझाइस देकर रोक लगाई जाएगी।
जागरूकता व प्रचार-प्रसार नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की परंपरा आज भी जारी है। बीते वर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिले में 13 बाल विवाह के प्रकरण में रोक लगाई गई थी। इनमें से ज्यादातर प्रकरणों में चार से पांच महीने लडक़ी के वयस्क होने में कमी पाई गई थी। विवाह रोकने की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्री प्लानिंग के तहत गांवों में बाल संरक्षण टीम गठित की जा रही है। टीम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अलावा पंचायत सरपंच व अन्य ग्रामीण शामिल होंगे। उनके माध्यम से गांव के लोगों को विवाह के लिए आवश्यक लडक़े की आयु 21 व लडक़ी की 18 वर्ष होने की जानकारी देंगे। ग्रामीण स्तर पर गठन के अलावा परियोजना स्तर पर भी टीम गठित की गई है। जिस क्षेत्र में बाल विवाह होगा, उस क्षेत्र की परियोजना अधिकारी रोक लगाने पर कार्य करेंगी। परियोजना स्तर पर गठित टीम में चाइल्ड लाइन, पुलिस प्रशासन का भी सहयोग रहेगा। बाल विवाह पर रोक लगाने प्रचार-प्रसार के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग को शासन से फंड जारी किया जाता है। विभागीय स्तर पर जागरूकता लाने में पहल नहीं की जाती। यही वजह है कि कई बालिका वयस्क होने से पहले ही ब्याह दी जाती है। जिससे उन्हें प्रसव के दौरान शारीरिक संकट का सामना करना पड़ता है। प्रसूति व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की कड़ी बाल विवाह में रोक सहायक साबित हो सकती है।

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