नई दिल्ली । भारत का वस्तु व्यापार घाटा फरवरी 2025 में घटकर 14.05 अरब डॉलर रह गया, जो तीन वर्षों का न्यूनतम स्तर है। जनवरी 2025 में यह 22.99 अरब डॉलर था। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए ताजा आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
व्यापार घाटे में कमी की वजह फरवरी में निर्यात का स्थिर रहना और आयात में कमी आना है।
फरवरी में देश का वस्तु निर्यात 1.3 प्रतिशत बढक़र 36.91 अरब डॉलर हो गया है, जो कि जनवरी में 36.43 अरब डॉलर था। इस दौरान आयात 16.3 प्रतिशत गिरकर 50.96 अरब डॉलर रह गया है, जो कि जनवरी में 59.42 अरब डॉलर था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने कहा, आयात में भारी गिरावट, निर्यात के स्थिर रहने और पिछले फरवरी के उच्च आधार प्रभाव के कारण व्यापार घाटा वर्तमान में अगस्त 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है।
चालू वित्त वर्ष के अब तक के 11 महीनों में व्यापार घाटा 261.05 अरब डॉलर रहा। इस दौरान वस्तु निर्यात स्थिर रहा, जबकि आयात में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके अलावा, फरवरी में सेवा क्षेत्र का निर्यात 35.03 अरब डॉलर रहा है, जो कि जनवरी के मुकाबले 9.1 प्रतिशत कम है। सेवाओं का आयात समान रूप से गिरकर 16.55 अरब डॉलर रहा है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक 53.53 अरब डॉलर के गोल्ड का आयात हुआ है। वहीं, समान अवधि में कच्चे तेल का आयात 166.73 अरब डॉलर रहा है।
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, वस्तु निर्यात के मुख्य घटकों में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, इंजीनियरिंग सामान, ड्रग्स और फर्मा, चावल, रत्न एवं आभूषण शामिल हैं।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत का स्मार्टफोन निर्यात 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) के 11 महीनों में 1.75 लाख करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) को पार कर गया, जो 2023-24 की समान अवधि से 54 प्रतिशत अधिक है।
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