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10-Mar-2019 10:08:57 am
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ई-कॉमर्स वेबसाइटों के फर्जी कस्टमर केयर नंबर से जालसाज लोगों को लगा रहे चूना

नई दिल्ली ,10 मार्च । अगर आप किसी ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च कर रहे हैं तो आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि इन दिनों सर्च इंजन पर फर्जी कस्टमर केयर नंबरों की जैसे बाढ़ आ गई है। सर्च इंजनों पर फर्जी नंबर डालने वाले जालसाज आपके बैंक अकाउंट की जानकारी मांगकर आपको चूना लगाते हैं। इस तरह, एक छोटी सी चूक से आप बैंक खाते में पड़ी अपनी मेहनत की कमाई से हाथ धो बैठते हैं।
रेणु गुप्ता को भी यह सबक तब मिला, जब उनके खाते से मोटी रकम जालसाजों ने उड़ा ली। दरअसल, उनकी बेटी ने एक पॉप्युलर ई-कॉमर्स पोर्टल का कस्टमर केयर नंबर गूगल से लेकर उसपर कॉल किया। खुद को कस्टमर केयर रेप्रिजेंटटिव बताने वाले व्यक्ति ने न केवल महिला के बैंक खाते से पैसे उड़ाए, बल्कि उसने मेसेज भी भेजा कि वह ट्रांजैक्शन कर रहा है और उनका मजाक उड़ाते हुए कहा, अब पैसा गया। 
दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-24 में बुटिक चलाने वाली रेणु गुप्ता ने बताया कि उन्होंने एक पॉप्युलर ई-कॉमर्स वेबसाइट से एक हैंडबैग ऑर्डर किया था, लेकिन वह उन्हें पसंद नहीं आया, जिसके कारण उन्होंने इसे वापस करने का फैसला किया। एक मार्च को उनकी बेटी ने गूगल पर एक वेबसाइट से कथित कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर निकाला और उससे संपर्क किया। 
गुप्ता ने कहा, फोन उठाने वाले व्यक्ति ने खुद को कंपनी का रेप्रिजेंटटिव बताया। रिफंड का अमाउंट ट्रांसफर करने के बहाने उसने मेरी बेटी से अकाउंट का डिटेल ले लिया। इसके तुरंत बाद मेरे खाते से पैसे विद्ड्रॉल के मैसेज आने लगे। जबतक मैं अपना कार्ड ब्लॉक कराती, तब तक मेरे खाते से 15,000 रुपये निकाले जा चुके थे।
महिला ने यह बात अपने बैंक के अधिकारियों को बताई और पूछा कि उनके खाते में पड़ी बाकी की रकम तो सुरक्षित है, क्योंकि उन्हें मकान की ईएमआई देनी है। इस पर बैंक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि चूंकि उनका कार्ड ब्लॉक हो चुका है, इसलिए उनका पैसा सुरक्षित है। 
गुप्ता ने कहा, हैकर ने मेरे खाते से पैसे उड़ाने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल किया और मेरा मजाक भी उड़ाया। यही नहीं, उसने ट्रांसफर होने वाले पैसों की जानकारी मेरे वॉट्सऐप पर भी शेयर किया। मेरे पति ने उससे बात की और पैसे लौटा देने की गुहार लगाई, लेकिन उसने इनकार कर दिया। महिला ने बताया कि कुल मिलाकर उन्हें 52 हजार रुपये की चपत लगाई गई। 
एक सप्ताह का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि जालसाजों ने सर्च इंजनों को फर्जी कस्टमर केयर नंबर से भर दिया है, जिसका इस्तेमाल वे लोगों के पैसे लूटने के लिए कर रहे हैं। रिफंड चाहने वाले कस्टमर इनके जाल में फंस जाते हैं और अपने अकाउंट से जुड़ी जानकारी देकर अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई खो बैठते हैं।

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