छत्तीसगढ़

10-Mar-2019 9:55:37 am
Posted Date

किसानों के शोषण के समाधान के लिए समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दे-छ.ग.सरकार- मोर्चा

० दलहन, तिलहन फ सल समर्थन मूल्य में खरीददारी नहीं
० कवर्धा, बेमेतरा, मुंगेली जिले के किसान सडक़ की लड़ाई लडऩे मजबूर

रायपुर, 10 मार्च । कांग्रेस की सरकार ने धान खरीदी, कर्जा माफी, बिजली दर पर राहत एवं किसानों के लिए कार्य का मजबूत मिसाल पेश किया है। उसके लिए बघेल सरकार को साधुवाद । पर यह उपहार किसानों को अल्पसमय के लिए ही साबित हो रहा है। किसानों की दलहन, तिलहन के फसल लेने वाले तीन जिला, 18 ब्लाक, 3 लोक सभा क्षेत्र के लाखों किसान उत्पादन लेते हैं। जिनके फसलों का समर्थन मूल्य पर कोई खरीददार नहीं है। बघेल सरकार ने जिस प्रकार धान की खरीदी की है उसी प्रकार दलहन, तिलहन के 15 उत्पादित फसल जिनका समर्थन मूल्य इस प्रकार है:- राहर-5500 रूपये प्रति क्विंटल, मूग- 5500 रु. प्रति क्विंटल, उड़द- 5500 रू. प्रति क्विंटल, चना 4500 रू. प्रति क्विंटल, मसूर -4500 रू. प्रति क्विंटल, सोयाबीन -4500 रु. प्रति क्विंटल, अलसी सरसों के साथ गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों का सुध लेने वाला कोई नहीं है। आज धान की खरीदी 2500 रु. में करके छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों को मजबूती प्रदान किया लेकिन दलहन-तिलहन की खरीदी पर सरकार की कोई व्यवस्था लागू नहीं हुई है। धान सहित दलहन-तिलहन के समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा मिल जाता है तो छत्तीसगढ़ का किसान अपने बूते खड़ा हो जायेगा। सरकार जब समर्थन मूल्य घोषित करती है तो किसानों को लावारिस धन्ना सेठों के भरोसे क्यों छोड़ देती हैं। श्री भूपेश बघेल स्वयं किसान हैं, गाँव से हैं, किसानों की समस्या से लगातार परिचित हैं और किसानों के लिए उनका किया काम एक मिसाल है। पर समर्थन मूल्य पर खरीददारी को कानूनी दर्जा दे दें तो किसान के हाथ मजबूत हो जायेंगे और इसीलिए छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा तीन जिलों में धरना-प्रदर्शन, रैली के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार को किसानों के समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए जनजागरण कार्यक्रम लेकर सडक़ पर आ रही है। 17 मार्च को कवर्धा में तीनों जिले के किसान प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे और तीनों जिले के किसान आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। बैठक के प्रमुख किसान नेता राज्य आंदोलनकारी अनिल दुबे होंगे। जागेश्वर प्रसाद अध्यक्षता करेंगे। कवर्धा जिले के जिलाध्यक्ष महेन्द्र कौशिक आयोजक होंगे। प्रमुख किसान नेता रामदास पटेल, योगेश्वर शर्मा, शिव साहू, वी. वर्मा, सुरेन्द्र चन्द्रवंशी, कुंभकरण कौशिक, जयकरण पटेल प्रमुख रूप से भाग लेंगे। इस अवसर पर पंडरिया क्षेत्र के 50 गाँव के 2000 किसान छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बनेंगे एवं छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के आंदोलन के चलते भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंका गया है अगर कांग्रेस किसानों के समर्थन मूल्य का मुद्दा का समाधान नहीं करती तो तीन लोकसभा चुनाव राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर को कांग्रेस हार का मुंह देखना पड़ेगा । समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा मिलने से छत्तीसगढ़ के किसान जो कांग्रेस के पक्ष में हैं वह हवा का रूप लेगा। सन् 2009 में धमतरी के किसान मोर्चा के रैली में थाना प्रभारी द्वारा किसानों से अपराधिक तरह व्यवहार पर किसानों ने ज्ञापन देकर थानेदार सपन चौधरी को अपराधी बनाने की मांग की है। इस पर मोर्चा ने धमतरी में आंदोलन को अंतिम रूप दिया।

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