व्यापार

15-Nov-2024 7:39:12 pm
Posted Date

चावल निर्यात को मंजूरी मिलने से एग्री एक्सपोर्ट बढऩे की उम्मीद

जयपुर । बीते माह चावल निर्यात को मंजूरी मिलने से एग्री एक्सपोर्ट बढऩे की संभावना प्रबल हो गई है। इस साल सरकार को एग्री एक्सपोर्ट 5000 करोड़ डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट को मंजूरी के कारण ही एग्री एक्सपोर्ट को समर्थन मिल सकता है। स्थानीय सूरजपोल मंडी स्थित प्रमुख फर्म जगदीश नारायण रतनलाल सिंघल एंड संस के मजोज सिंघल ने कहा कि बीते माह अक्टूबर में नॉन-बासमती चावल के निर्यात को मंजूरी मिली है। अक्टूबर में सेला तथा ब्राउन राइस की ड्यूटी खत्म हुई है। चावल निर्यात के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2023-24 में 1.4-1.5 करोड़ टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था, जबकि वर्ष 2024-25 में 1.7-1.8 करोड़ टन चावल के निर्यात का अनुमान है। ज्ञात हो कि बासमती चावल का 55 लाख टन एक्सपोर्ट होने का अनुमान है। जबकि सेला चावल का 70 से 80 लाख टन एक्सपोर्ट होने का अनुमान है। वहीं दूसरी ओर नॉन बासमती चावल का निर्यात 40 फीसदी तक घटने की आशंका है। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर लगा प्रतिबंध हटाकर एक्सपोर्ट के लिए न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस (एमईपी) लागू कर दी थी। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट के लिए न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस की जरूरत को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। सिंघल ने कहा कि एक्सपोर्ट हटने से किसानों एवं व्यापारियों को फायदा होगा। निर्यात को मंजूरी मिलने के सरकार के इस फैसले के बाद चावल पर 10 से 15 फीसदी दाम अधिक मिल रहे हैं।  

 

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