छत्तीसगढ़

03-Mar-2019 12:45:03 pm
Posted Date

1.90 लाख की सुपारी देकर कराई प्रेमिका के पति की हत्या

० वनकर्मी रंगनाथ श्याम की हत्या के मामले का खुलासा 
कोरबा, 03 मार्च । खूंटाघाट नर्सरी में कार्यरत वनकर्मी रंगनाथ श्याम की हत्या उसकी पत्नी के प्रेमी ने एक लाख 90 हजार की सुपारी देकर कराई थी। प्रेम में कांटा बने पति रंगनाथ की हत्या करने प्रेमी ने अकलतरा में रहने वाली एक महिला को सबसे पहले अपने षड्यंत्र में शामिल किया। उसके बाद महिला ने दीपका में रहने वाले अपने दो पुराने परिचितों को इस काम में शामिल कर लिया। महिला ने पहले रंगनाथ को मोबाइल पर अपनी जाल में फं साया और उसे झांसा देकर जंगल ले गई, जहां पहले से घात लगाए बैठे उसके साथियों ने गला रेतकर मार डाला।
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने इस सनसनीखेज घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रतनपुर के मेलनाडीह निवासी रंगनाथ श्याम पिता स्वर्गीच चैन सिंह 35 वर्ष की पत्नी का प्रेम संबंध रतनपुर के ग्राम कर्रा निवासी शिवशंकर यादव पिता रामशंकर 40 वर्ष के साथ था। शराब के नशे में अक्सर रंगनाथ अपनी पत्नी की पिटाई करता था और इस शिवशंकर आपत्ति जताता था। नौबत यह आ गई थी कि शिवशंकर उसकी पत्नी को अलग से किराए में मकान देकर रखा था। इस बात को लेकर उसका पति आए दिन बखेड़ा किया करता था। इसकी वजह से आस-पड़ोस के लोगों ने आपत्ति जताई और पत्नी को पति के पास वापस लौटना पड़ा था। शिवशंकर इस कदर प्रेम में अंधा हो चुका था कि वह रंगनाथ को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की ठान ली। इसके लिए उसने सबसे पहले अकलतरा के कटघरी निवासी विन्नी उर्फ  विनीता मानिकपुरी से संपर्क किया। शिवशंकर के उसके साथ भी अवैध संबंध थे। उसने विनीता को पूरी कहानी बताई और रंगनाथ को ठिकाने लगाने कहा। इसके लिए उसने विनीता को रुपये देने का भी लालच दिया। वह राजी हो गई तो सबसे पहले रंगनाथ को जाल में फं साने कहा और उसका मोबाइल नंबर उसे उपलब्ध करा दिया। विनीता मोबाइल में उससे चिकनी-चुपड़ी बातें करने लगी। रंगनाथ भी उसके झांसे में आ गया और अक्सर दोनों बात करने लगे। उधर विनीता ने दीपका में रहने वाले पूर्व परिचित रवि वाल्मिकी और उसके दोस्त सुनील सत्तेल को भी रुपये देने का लालच देकर हत्या के षड्यंत्र में शामिल कर लिया। घटना को अंजाम देने चीताझोरकी जंगल का चयन किया गया। यहां 27 फ रवरी की रात करीब आठ बजे विनीता रंगनाथ को लेकर पहुंची। जहां पहले से छिपे रवि और सुनील आ धमके और तीनों मिलकर रस्सी से गला घोंटा। अंत में चाकू से गला रेतकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। गिरफ्तार सभी चार आरोपितों के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
फि ल्मी स्टाइल पर कत्ल की इस घटना को अंजाम दिया गया। सबसे पहले 17 फरवरी को खूंटाघाट में चारों आरोपित बैठकर योजना बनाए और 24 फरवरी को दमिया के चीताझोरकी जंगल को हत्या के लिए चुना गया। यहां पहुंचकर एक पेड़ की टहनी में कपड़ा बांध दिया गया, ताकि विनीता रंगनाथ को लेकर आए तो ठीक उसी पेड़ के नीचे रुके। योजना के मुताबिक 27 फ रवरी को विनीता ने रंगनाथ को फ ोन से संपर्क किया और उसे बेलतरा बुला ली। अपने बाइक क्रमांक सीजी 10 ईएफ 4430 में विनीता को बैठाकर वह रात को चीताझोरकी जंगल में पहुंचा। यहां उसने ठीक उसी पेड़ के नीचे लघुशंका के बहाने बाइक रुकवाई। पहले से ही घात लगाए बैठे रवि और सुनील बाइक के रुकते ही उस पर झपट पड़े। इस पूरे घटनाक्रम का सूत्रधार शिवशंकर घटना के दौरान चीताझोरकी के जंगल में किसी अन्य जगह में छिपा रहा, ताकि उसे रंगनाथ देख न ले और उसकी पोल न खुल जाए। घटना को अंजाम देने के बाद विनीता ने शिवशंकर को फ ोन लगाकर बताया कि काम तमाम कर दिया गया है। पाली पेट्रोल पंप के पास आ जाओ। वहां चारों ने अंतिम बार मुलाकात की। घटना के तीन घंटे पहले शिवशंकर ने रवि और सुनील को एक लाख 90 हजार रुपये नकद दे दिया था। पेट्रोल पंप के पास आरोपितों ने विनीता को उसके 20 हजार रुपये दिया और सभी अपने-अपने घर लौट गए। रंगनाथ की पत्नी को लेकर शिवशंकर के साथ चल रहा विवाद जगजाहिर था। पुलिस को यह बात पता चलते ही शिवशंकर की निगरानी शुरू कर दी। घटना के बाद आरोपित मृतक का मोबाइल भी अपने साथ ले गए थे, जो स्विच ऑफ बता रहा था। कॉल डिटेल निकाले जाने पर विनीता के नंबर पर आखरी बार बात होना पाया गया। इसके अलावा शिवशंकर के साथ भी विनीता लगातार संपर्क में थी। इससे पुलिस का संदेह और गहरा गया। दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले पुलिस को गुमराह करते रहे, पर ज्यादा देर पुलिस के सामने टिक नहीं सके। पुलिस ने थोड़ी सख्ती बरती तो पूरी कहानी बयां कर दी। प्रगतिनगर दीपका में रहने वाले आरोपित रवि और सुनील सीआइएफ एफ कैंप में सफ ाई का काम करते थे। जवानों की वर्दी में कंधे के पास लगने वाले रस्सी अपने साथ घटनास्थल आरोपित ले गए थे। इसका उपयोग फं दा बनाकर गला घोंटने के लिए किया। यही नहीं कोई सबूत पुलिस को न मिले इसके लिए आरोपितों ने हाथ में ग्लब्स भी पहन रखा था। घटना के बाद रास्ते में ग्लब्स और चाकू जंगल में फेंक दिए थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। मृतक का मोबाइल व बतौर सुपारी दिए गए एक लाख 90 हजार नकद आरोपितों के कब्जे से जब्त किया गया है। 

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