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नई दिल्ली ,02 मार्च । वेदांता लिमिटेड ने एक भारतीय अदालत से कहा है कि मई में तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित उसके कॉपर संयंत्र के बंद होने से उसे हर रोज पांच करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रदूषण को लेकर संयंत्र के संचालन का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत के बाद से ही संयंत्र बंद है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प के बाद तमिलनाडु सरकार ने बीते साल 28 मई को संयंत्र को स्थायी तौर पर बंद करने का आदेश दिया था। वेदांता ने मद्रास उच्च न्यायालय में दाखिल एक याचिका में कहा, संयंत्र को रोजाना पांच करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
संयंत्र नौ महीने पहले बंद हुआ हुआ है, जिसके हिसाब से कंपनी को अब तक 13.8 अरब रुपये का नुकसान हो चुका है। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने जुलाई में कहा था कि अगर संयंत्र एक साल तक बंद रहा, तो कंपनी को 10 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है। वेदांता के प्रवक्ता ने इस पर मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
भारत के नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने दिसंबर में वेदांता के पक्ष में फैसला दिया था, जिससे संयंत्र के दोबारा खुलने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। लेकिन फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में राहत देने का एनजीटी के पास कोई अधिकार नहीं है।
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