छत्तीसगढ़

01-Mar-2019 12:56:34 pm
Posted Date

शिक्षक मितानों की मानदेय राशि में कमीशनखोरी की जांच होगी-मुख्यमंत्री

0 कांग्रेस सदस्य बृहस्पत सिंह ने प्रश्नकाल में  उठाया मामला
0  अजित जोगी, धर्मजीत सिंह सहित विपक्षी सदस्यों ने इस पर चिंता जताई

रायपुर, 01 मार्च ।  विधानसभा में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के शिक्षक मितानो को मिलने वाली मानदेय राशि पर हो रहे घोटाले की जांच कराने की घोषणा की।
प्रश्नकाल में आज सत्ता पक्ष के सदस्य बृहस्पत सिंह ने राज्य में कार्यरत शिक्षक मितानो की संख्या और उनके मानदेय राशि का मामला उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि शिक्षक मितान को कितना मानदेय दिया जा रहा है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2185 शिक्षक मितान है तथा प्रति मितान को 10 से 15 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। इस पर कांग्रेस सदस्य बृहस्पत सिंह ने सवाल उठाया कि शिक्षक मितान को दी जाने वाली मानदेय राशि गंभीर अनियमितता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रति शिक्षक मितान के नाम पर 28 हजार हजार रूपये सरकारी खजाने से निकल रहा है लेकिन शिक्षक को सिर्फ 10 से 15 हजार रुपये ही मानदेय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा इसमे कमीशनखोरी की जा रही है। सरकार द्वारा शिक्षक के लिए दी जा रही 28 हजार राशि मे से 10 से 15 हजार कमीशन एजेंसी द्वारा लिया जा रहा है। उन्होंने विभागीय मंत्री से मांग की कि क्या कमीशन खोरी रोकने की दिशा में कोई कदम सरकार उठाएगी और प्रदेश के शिक्षक मितान को 28 हजार रुपये मानदेय मिले इसकी व्यवस्था करेंगे। इस मामले में जनता कांग्रेस से धर्मजीत सिंह ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री ने ओउटसोर्सिंग खत्म करने की बात कही है। फिर शिक्षक मितान की भर्ती के लिए जारी ठेका पद्धति को खत्म किया जाना चाहिए ताकि प्रदेश के शिक्षकों को उनका सही मानदेय मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि शिक्षक मितान की भर्ती के लिये एजेंसी की क्यो जरूरत पड़ रही है। भर्ती के लिए मध्यस्थता की कही जरूरत नहीं है। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने भी इस मामले में कहा कि सरकार आउट सोर्सिंग के खिलाफ  रही है और इसे बंद करने की घोषणा सदन में की जानी चाहिए ताकि शिक्षक मितान को सही मानदेय मिल सके।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब में कहा कि वे इस मामले की समीक्षा कराएंगे। मंत्री के इस उत्तर को सभी प्रश्नकर्ता सदस्यों ने आपत्ति जताई। इसके बाद मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की अनुमति लेते हुए कहा
की यह विषय बहुत गंभीर है । इस मामले में भारी लूट खसौट की शिकायतें आ रही थीं। उन्होंने सदन में घोषणा की कि वे इस पूरे प्रकरण की जांच करायेंगे और जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।

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