नई दिल्ली । भारत ने सितंबर महीने में रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन में 200 गीगावाट का आंकड़ा पार कर लिया है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, रिन्यूएबल एनर्जी आधारित बिजली उत्पादन क्षमता ने सितंबर में 200 गीगावाट का आंकड़ा पार कर लिया।
आंकड़ों के अनुसार, कुल रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन 201,457.91 मेगावाट तक पहुंच गया, जिसमें 90,762 मेगावाट सौर ऊर्जा और 47,363 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन शामिल है।
देश की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली क्षमता अब कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 46.3 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, बिजली उत्पादन के मामले में राजस्थान 31.5 गीगावाट बिजली के साथ पहले स्थान पर है। इसके बाद 28.3 गीगावाट बिजली उत्पादन कर गुजरात दूसरे नंबर पर और 23.7 गीगावाट के साथ तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है।
लिस्ट में कर्नाटक का नाम 22.3 गीगावाट बिजली उत्पादन के साथ चौथे स्थान पर आता है।
सरकार के अनुसार, देश में 2014 से नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन में 86 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 193.5 बिलियन यूनिट से बढक़र 360 बिलियन यूनिट हो गई।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2014 से अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में परिवर्तनकारी वृद्धि देखी है, जो 75 गीगावाट से 175 प्रतिशत बढक़र आज 200 गीगावाट से अधिक हो गई है।
भारत हरित नौवहन क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। देश का लक्ष्य 2030 तक शीर्ष 10 जहाज निर्माण देशों में तथा 2047 तक शीर्ष 5 देशों में शामिल होना है।
अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के अनुसार, भारत में 2023 में कुल स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 44.7 गीगावाट थी, जो विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है।
भारत ने 2023 में 2.8 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता बढ़ाई, पांच साल तक इसकी गति धीमी रही लेकिन अब इसने रफ्तार पकड़ ली है।
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