छत्तीसगढ़

28-Feb-2019 12:34:05 pm
Posted Date

किसान सम्मान निधि योजना का मामला सदन में उठा

0-प्रतिपक्ष ने सत्ता पक्ष पर राजनीतिक द्वेष से योजना में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया
रायपुर, 28 फरवरी । विधानसभा में आज ध्याकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र प्रवर्तित किसान सम्मान निधि का मामला भाजपा सदस्यों ने उठाया। विपक्ष के द्वारा सत्ता पक्ष पर मामले को राजनीतिक चश्मे से देखने का आरोप लगाने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के राजस्व मंत्री जय सिंग अग्रवाल को मामले पर गंभीरता से ध्यान देने निर्देशित किया।
भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा एवं नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने  मामला उठाते हुए शासन का ध्यान आकर्षित किया कि केंद्र के द्वारा किसानों के लिए प्रारंभ की गई किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदेश के किसानों को जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा मिले इसे लेकर गंभीर नही है । प्रतिपक्ष ने मंत्री से पूछा कि प्रदेश में 30 लाख से अधिक किसान है जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना है। उन्होंने सत्ता पक्ष से जानना चाहा कि अब तक कितने किसानों का नाम केंद्र को भेजे गए है।  इसके तहत जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर या इससे कम जमीन है ऐसे किसानों को इस योजना का लाभ मिलना है। उन्होंने जानना चाहा कि कितने किसानों के द्वारा घोषणा पत्र भराया गया है और पत्र भरने की अंतिम तिथि निर्धारित की है। धरमलाल कौसिक ने पूछा कि क्या 5 मार्च तक पात्र किसानों के घोषणा पत्र भराये जाएंगेे। मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि प्रतिदिन 60 हजार से अधिक किसानों के नाम अपलोड किये जा रहे है। अभी तक कुल 3 लाख 80 हजार किसानों के नाम अपलोड हो चुके है। उन्होंने कहा कि इनमें से 80 किसानों का एफ टीओ जारी किया जा चुका है जिनमे से 36 किसानों को ही राशि मिली है। मंत्री ने इस मामले में केंद्र से देरी होने का आरोप लगाया। भाजपा सदस्य नारायण चन्देल ने इस पर जानना चाहा कि क्या आप सिंगल प्रणाली लागू कर इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को दिलाने का प्रयास करेंगे। नेताप्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि क्या 2 मार्च तक ऐसे सभी किसानों के नाम अपलोड करा सकेंगे। इस दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा शोर शराबा करने पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने मंत्री को निर्देशित किया कि इस मामले को विपक्ष द्वारा स्थगन प्रस्ताव द्वारा लाया जाने वाला था पर मैने इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के रूप में लिया है। उन्होंने मंत्री से कहा कि वे इस मामले में गंभीरता से विचार करे। इस पर प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष को धन्यवाद भी दिया।

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