छत्तीसगढ़

27-Feb-2019 11:23:38 am
Posted Date

स्कूल बसों के चालकों की पहचान और बसों की फिटनेस की जांच के लिए चलेगा अभियान

कोरबा 27 फ रवरी । कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की अध्यक्षता में जिला पंचायत के सभाकक्ष में सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री जितेंन्द्र सिंह मीणा सहित परिवहन अधिकारी, खनिज अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में कलेक्टर ने स्कूल बसों की दुर्घटनाओं को अति संवेदनशील मानते हुए प्राथमिकता से बसों की फिटनेस जांच करने के निर्देश परिवहन अधिकारी को दिए। उन्होंने स्कूल बसों को चलाने वाले चालकों और कंडेक्टरों के बारे में पूरी जांच पड़ताल कर जानकारी रखने स्कूल संचालकों को पत्र भेजकर कार्यवाही के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। श्रीमती कौशल ने स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से खिड़कियों में जालियां आदि सुव्यवस्थित तरीके से लगाने के निर्देश भी दिए ताकि बच्चों के शरीर का कोई भी अंग बस से बाहर न निकल सके। कलेक्टर ने स्कूल बस चालकों और कंडेक्टरों के चरित्र सत्यापन और पहचान तथा बसों की फिटनेस की जांच अभियान चलाकर करने के निर्देश जिला परिवहन अधिकारी को दिए। बैठक में सडक़ सुरक्षाा समिति के सदस्य श्री निर्मल जैन और महापौर के प्रतिनिधि के रूप में पार्षद श्री दिनेश सोनी भी शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस के अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। 
बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जिले में सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समिति के सदस्यों और पुलिस तथा खनिज विभाग के अधिकारियों से भी जरूरी सलाह ली। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा ने पिछले तीन वर्षों में जिले में हुए विभिन्न सडक़ दुर्घटनाओं से संबंधित विश्लेषणात्मक पावर पाइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में 11 थाना क्षेत्रों बांगो, पाली,कटघोरा, उरगा, कुसमुण्डा, बालको, दीपका, पसान, दर्री, कोतवाली कोरबा और करतला को सर्वाधिक सडक़ दुर्घटना वाले थाना के रूप में चिन्हाकित किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश सडक़ दुर्घटनाएं ओव्हर स्पीडिंग, ओव्हर लोडिंग, नशा कर वाहन चलाने और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने के कारण घटित होती हैं। श्री मीणा ने बताया कि जिले में 40 सडक़ खंडों को खतरनाक सडक़ खंड के रूप चिन्हाकित किया गया है और इन पर सडक़ दुर्घटनाएं रोकने के लिए संकेतक लगाने, रिफलेक्टर लगाने, अवैध पार्किंग रोकने, स्पीड ब्रेकर बनाने, गति सीमा निर्धारित करने, सडक़ या पुलिया के चौड़ीकरण, खराब सडक़ों के सुधार जैसे जरूरी काम कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सडक़ दुर्घटना से संबंधित नौ ब्लैक स्पाट, राज्य राजमार्ग पर 13 एवं अन्य मार्गों पर 18 ब्लैक स्पाट या खतरनाक सडक़ खंड चिन्हाकित किए गये हैं। 
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इन सभी मार्गों पर सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सडक़ सुरक्षा के संबंध में जन जागरूकता अभियानों के संचालन और उनमें छात्रों और आमजनों की भागीदारी सुनिश्चित करने को भी कहा। कलेक्टर ने सडक़ दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों की सहायता करने वाले लोगों को भी प्रोत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ऐसे गुड सेमेरिटन लोगों को जरूरी जानकारी देकर उनके जीवन रक्षक काम की सराहना करने की जरूरत बताते हुए लोगों को घायलों की सहायता के लिए किसी भी प्रकार की कानूनी जवाबदेही नहीं होने की जानकारी का प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिए। 
श्रीमती कौशल ने हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करने वाले, शराब पीकर या नशाकर वाहन चलाने वाले, ओव्हर स्पीडिंग और ओव्हर लोडिंग कर वाहन चलाने वाले तथा वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले लोगों के विरूद्ध निरंतर कड़ी कार्यवाही करने का अभियान चलाने के भी निर्देश पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने ऐसे प्रकरणों में लगातार तीन बार पकड़े जाने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के साथ-साथ लाइसेंस रद्द करने के भी निर्देश परिवहन अधिकारी को दिए। 

 

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