छत्तीसगढ़

26-Feb-2019 12:54:37 pm
Posted Date

बस्तर के देशी मुर्गा, मुर्गियों की अन्य प्रदेशों में भारी मांग

जगदलपुर, 26 फरवरी । अपने उपयोग के लिए परंपरा गत तरीके से ग्रामीणों द्वारा पूर्व में पाले जा रहे देशी मुर्गा, मुर्गियों की मांग अब प्रदेश के बाहर के प्रदेशों में तेजी से बढ़ रही है और बस्तर से प्रतिदिन 10 च्ंिटल से भी अधिक मुर्गा, मुर्गियों की खेप निर्यात की जा रही है। बड़े शहरों में इनकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है और शौकिन लोगों को स्वाद भी मिल जाता है। 
उल्लेखनीय है कि पहले बस्तर के दक्षिण-पश्चिम बस्तर में मुर्गे, मुर्गियों की संख्या अधिक पाई जाती थी, लेकिन जब से इसका बाहर भेजा जाना शुरू हुआ है तब से इस अंचल के गांवों में इनकी आपूर्ति सीमित हो गई है और मूल्य भी बढ़ गये हैं। स्थानीय मांस व्यापारियों ने इस संबंध में बताया कि महाराष्ट्र के नागपुर, गोंदिया सहित प्रदेश के भी बड़े शहरों में इन देशी मुर्गा, मुर्गियों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस व्यापार से सैकड़ों लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं वहीं स्थानीय ग्रामीणों को अपने घरों में पाली गई देशी मुर्गा, मुर्गियों का अच्छा दाम मिलने से उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति सरलता से हो रही है। इस संबंध में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा न तो बाहर भेजी जा रही मुर्गा, मुर्गियों की जांच की जाती है और न ही आंध्र व तेलंगाना से यहां मंगाये जा रहे फार्मिंग चिकन की जांच की जाती है। इससे बड़ी बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है। इसके अलावा विभाग की अनुमति लिये बिना ही यह कार्य विभाग की नाक के नीचे हो रहा है। 

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