छत्तीसगढ़

24-Feb-2019 12:16:11 pm
Posted Date

बस्तर के वीर जवानों का गांव, जहां प्रत्येक परिवार का सपूत, सेना या पुलिस में

0 ग्रामीणों ने सेना में कार्यरत गांव के युवकों की तस्वीरों वाला पोस्टर भी लगा रखा है
जगदलपुर, 24 फरवरी । कांकेर जिले के नक्सलगढ़ में वीर जवानों का एक ऐसा गांव है ढेकुना, जहां प्रत्येक परविार का सपूत सेना या पुलिस में सेवाएं दे रहा है। मां की कोख और उस गांव की माटी को सलाम जहां के बच्चे देश-प्रदेश की रक्षा और सेवा के लिए जन्म लेते हैं। एक हजार की आबादी वाले ढेकुना गांव के 40 से अधिक नवयुवक सेना में और नवयुवतियां पुलिस में रहकर देश-प्रदेश की सेवा कर रहे हैं, इसीलिये इस गांव को वीर जवानों का गांव कहा जाने लगा है। मजदूर किसानों के इस गांव में प्राय: हर घर से एक युवक एवं युवती सेना व पुलिस में भर्ती है, जिसे लेकर यहां का हर निवासी गर्व का अनुभव करता है।
आदिवासी बहुल कांकेर जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर महानदी के तट पर बसे ग्राम ढेकुना ने भारतीय सेना को लगभग 40 से अधिक जवान दिये हैं, जो पूरे गाँव ही नहीं बल्कि जिले को भी गौरन्वित करता है। इतना ही नहीं इस गाँव की युवतियां भी पुलिस में शामिल होकर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। इस गांव के हर मां-बाप के मन में केवल यही ख्वाहिश है कि उसका बेटा देश के काम आए, ये अलग बात है कि उनकी याद में कभी कभार आंसू न चाहते हुए भी आंखों में छलक आते हैंं। जब भी किसी के यहां फोन की घण्टी बजती है और सपूत की आवाज कानों में पहुंचती है तब बेतहाशा खुशी मिलती है। अपने बच्चे का घर से दूर होना खलता तो है, पर अपने  सपूतों के कंधों पर देशवासियों को सुरक्षित रखने व उन्हें सुख चैन की नींद देने का आभास तुरन्त ही मन के दर्द को गर्व में तब्दील कर देता है।
हाल ही में हुयी पुलवामा की घटना पर गांव के लोगों में बेहद आक्रोश है। यहां के एक सेना से सेवा निवृत जवान टुकेश्वर जैन ने इसे कायरतापूर्ण हमला बताते हुए कहा कि यदि जवानों को सरकार पूरी आजादी दे दे तो पाकिस्तान को उसकी औकात पता लग जाएगी। उन्होंने कहा कि सेना में अपनी 18 साल की सेवा के दौरान वह जम्मू कश्मीर, डोकलाम जैसे बर्फीले इलाके में पदस्थ रहा, जहां जीरो डिग्री तापमान रहता है। उनका कहना है कि जरूरत पड़ी और उन्हें सेना का बुलावा आया तो, वह अपनी सेवा देने से पीछे नहीं हटेंगें। 
गांव के ही सेना में भर्ती जवान के पिता प्रेमलाल सुरोजिया, माँ हीरादेवी सुरोजिया ग्रामीण रोहन कुमार ने कहा की गांव के बच्चे देश की सेवा में लगे हैं और इससे उन्हें गौरव का आभास होता है। गांव के डिफेंडर हर युवक युवतियां या तो सेना में हैं या पुलिस में और अगली पीढ़ी भी सेना में जाने को तैयार हो रही है। 
ग्रामीणों ने सेना में कार्यरत गांव के युवकों की तस्वीरों वाला पोस्टर लगा रखा है, जिसमें लिखा गया है ढेकुना, ताकि आते-जाते उनकी यादें ताजा होती रहें और बाहर से आने वाले लोग भी इस हकीकत से वाकिफ हो सकें और उन्हें भी प्रेरणा मिले और वे अपने गांव में इसकी नींव डाले।

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