छत्तीसगढ़

23-Feb-2019 10:10:38 am
Posted Date

मच्छरों से राहत का कोई प्रयास नहीं कर रहे अफसर, हर वार्ड में बढ़ रही समस्याएं

बिलासपुर, 23 फरवरी । नगर निगम में लार्वा कंट्रोल की मुहिम बंद है। इसके कारण मच्छरों की संख्या अनियंत्रित हो चली है। निगम प्रशासन दिखावे के लिए फ ॉगिंग मशीन चलवाता है, लेकिन इससे मच्छरों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। लोग परेशान, बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों का बस एक ही बहाना है कि लार्वा कंट्रोल के लिए न तो ठेका दिया गया और न ही दवाइयों की खरीदी हो रही है। हालात इतने बिगड़ गए कि निगम सालाना पांच लाख रुपए खर्च कर मच्छर उन्मूलन का दिखावा कर है। इधर, पब्लिक मच्छरों से बचने के लिए सालाना डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर रही है। 
66 वार्डों वाली न्यायधानी के लोग मच्छरों से परेशान हैं। घर हो या दफ्तर, दिन हो या रात, इनके प्रकोप से सभी त्रस्त हैं। नगर निगम ने महीनों से लार्वा कंट्रोल बंद कर रखा है। कुछ दिन पहले एडल्ट मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग मशीनें जरूर चलाई जा रही हैं, लेकिन ये वीआईपी इलाकों तक सीमित होकर रह गई हैँ। मच्छरों का प्रकोप सामान्य मौसम में ज्यादा होता है। गर्मी की दस्तक के साथ मार्च से इसके लार्वा तेजी से पनपने लगे हैं। निगम सालभर में एक महीने लार्वा कंट्रोल और फॉगिंग मशीनों पर 5 लाख रुपए सालाना खर्च कर रहा है। इसके विपरीत आम पब्लिक मच्छरों से बचने के लिए लिक्विड, क्वाइल, टिकिया, स्पेयर आदि पर 1.40 करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपए हर महीने खर्च कर रही है। एक कमरे में एक क्वाइल जलाने से 2 रुपए और 3 कमरों में 6-8 रुपए का रोजाना खर्च है। 

Share On WhatsApp