छत्तीसगढ़

22-Feb-2019 12:45:23 pm
Posted Date

प्रदेश में स्वाइन फ्लू से मौतों का मामला उठा

0-स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सभी संभव उपाय एवं उपचार हेतु अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है
रायपुर, 22 फरवरी । विधानसभा में आज फिर स्वाइन फ्लू से प्रदेश में हुई मौतों का मामला उठा। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शासन द्वारा स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत प्रदेश में प्रदेेश में स्वाईन फ्लू के मरीजों के निदान एवं उपचार के लिए शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है। 
भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा एवं कुंवर सिंह निषाद ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से यह मामला उठाते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि स्वाइन फ्लू को लेकर शासन द्वारा किसी प्रकार की तैयारीं नहीं की गई है, जिसके चलते प्रदेश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीमारी की रोकथाम व उपचार आदि हेतु शासन-प्रशासन उदासीन है। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सही नहीं है कि नज-सामान्य में स्वाईन फ्लूय के बारे में जागरुक्ता लाने हेतु किसी प्रकार की तैयारी नहीं की गई है। अपितु प्रदेश की जनता में स्वाईन फ्लू के प्रति जागरुकता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनेक प्यास किये गये है। जिसके अंतर्गत स्वाईन फ्लू के बचाव में रोकथाम हेतु राज्य के समाचार पत्रों में एक चौथाई पृष्ठ पर नियमित रूप से विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। स्वाईन फ्लू से संबंधित प्रचार-प्रसार प्रदेश के प्रमुख टी.व्ही. चैनल्स एवं रायपुर-बिलासपुर के रेडियों चैनल्स में रेडियों जिंगल के अतिरिक्त रेलवें स्टेशन के टी.व्ही. में एक महा हेतु स्वाईन फ्लूय से संबंधित जानकारी प्रसारित किया जा रहा है। स्वाईन फ्लू से बचाव एवं रोकथाम हेतु राज्य के जिला-रायपुर में 05 प्रमुख स्थानों एवं  बिलासपुर में 15 स्थानों, विशेषकर जहां आम लोगों का आवागमन अधिक रहता है जैसे रेलवें स्टेशन, बस स्टैंड, माल शहर के प्रमुख चौक-चौराहे के चिन्हित कर होर्डिंक एक माह हेतु लगाये गये है। रेलवे स्टेशन, एअर पोर्ट एवं परिवहन विभाग के माध्यम से ए4 साइज, सिंगल साईड मल्टीकलर प्रिंटेड 10,000 नग स्टीकर के माध्यम से जन जागरुकता हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। बाह्य रोगी विभाग में आने वाले मरीजों एवं परिजनों की जागरुकता हेतु बैनर एवं पोस्टर प्रदर्शित किये जा रहे है। सभी सैम्पल कलेक्शन स्थान / कक्ष पर जानकारी हेतु फ्लैक्स लगाया गया है। 
उन्होंने बताया कि जिला चिकित्साकों में एवं चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के सभी 6 चिकित्सा महाविद्यालयों से संबध्द सभी चिकित्सालयों में स्वाईन फ्लू बीमारी के उपचार हेतु सभी व्यवस्थायें की गई है। सभी स्थानों पर स्वाईन फ्लू के संभावित मरीजों की जांच की व्यवस्था उपलब्ध है जिसमें जीवन रक्षक उपकरण (वेंन्टीलेटर) इत्यादी उपलब्ध करा दिये गये है। इस दिशमा में त्वरीत सर्वेलेंस कार्य हेतु जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्वाईन फ्लू के बचाव, रोकथाम व नियंत्रण हेतु काम्बेक्ट टीम का गठन किया गया है। अत: राज्य शासन द्वारा स्वाईन फ्लू के निदान एवं उपचार एवं जागरुकता हेतु की गई व्यवस्था से जनता द्वारा राहत महसूस की जा रही है 
स्वास्थ्य मंत्री ने भाजपा सदस्यों के एक पर स्वीकार किया कि बालोद जिले में स्वाईन फ्लू से पीडि़त 47 साल के व्यक्ति की दुखद मृत्यु हो गई है। प्रकाश नशीने की तबीयत 20 जनवरी को अचानक बिगड़ी और सर्दी-खॉसी की शिकायत हुई। उसके बाद ईलाज के लिए 22 जनवरी को दुर्ग ले गए, पर सर्दी-खॉसी ठीक नहीं होने पर 24 जनवरी को प्रकाश नशीने को बालोद के किलकारी निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां चिकित्सक  द्वारा मामला सेंसिटिव मिलने की वजह से उसे रेफर कर दिया गया। उसके बाद 30 जनवरी को भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती हुए। जहां चिकित्सकों ने रिपोर्ट दी कि प्रकाश नशीने की मौत स्वाईन फ्लू से हुई है। उन्होंने इसे भी स्वीकारा कि स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक महेंद्र जंघेल, भिलाई की शकुन साहू, खैरागढ़ के शिक्षक गजेंद्र डाखरे की मृत्यु स्वाईन फ्लू से मौत हो चुकी है। लेकिन इससे इंकार किया कि पूरे प्रदेश में स्वाईन फ्लू से 10 लोगों से अधिक की मृत्यु हो चुकी है। सत्य यह है कि प्रदेश में स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों के बाद भी प्रदेश में सात लोगों की स्वाईन फ्लू से दुखद मृत्यु की पुष्टि हुई है यह सत्य नहीं है कि इसके पश्चात भी शासन की इससे निपटने की जो तैयारी होनी चाहिए वह नहीं है। शासन द्वारा स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए सभी संभव उपाय किए गए हैं जिसके अंतर्गत प्रदेश में प्रदेेश में स्वाईन फ्लू के मरीजों के निदान एवं उपचार के लिए शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है। स्वाईन फ्लू के जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर तथा जगदलपुरके माईक्रोबायोलाजी विभाग में जांच की सुविधा उपलब्ध है, इसके अलावा भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में भी जांच की सुविधा उपलब्ध है। स्वाईन फ्लू के मरीजों के सर्वेलेस के लिए सभी जिला चिकित्सालय तथा जिला सर्वेलेंस ईकाई को प्रशिक्षण दिया गया है। प्राथमिक उपचार एवं रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां एवं अन्य संसाधन उपलब्ध है। स्वाईन फ्लू की दवाईयां सभी शासकीय चिकित्सालयों में नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। संभावित मरीजों की जांच के लिए जिला चिकित्सालय एवं चिकित्सा महाविद्यालय से सेंपल एकत्र कर जांच माईक्रोबॉयोलॉजी विभाग, चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर एवं जगदलपुर में नि:शुल्क किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त निजी चिकित्सालय में ईलाज कराने वाले मरीजों के लिए न्युनतम जांच दर निर्धारित की गई है। इसके लिए तीन निजी पैथालॉजी लैब को अधिकृत किया गया है। 
यह कहना सही नहीं है कि निजी चिकित्सा संस्थानों में स्वाईन फ्लू के मरीजों की संख्या में दिनों दिन बढ़ रही है, यहां तक की स्वाईन फ्लू के मरीजों का जांच निरीक्षण करने वाले चिकित्सा कर्मी भी इस बीमारी के चपेट में आ रहे हैं, अपितु स्वाईन फ्लू के मरीजों की जांच निरीक्षण करने वाले चिकित्सा कर्मियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बचाव संबंधी व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को करने तथा संभावित लक्षण पाए जाने पर स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए आवश्यक जांच निर्देशित किया गया है। अभी तक किसी स्वास्थ्य कर्मी का स्वाईन फ्लू के रिपोर्ट धनात्मक नहीं आया है। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के मरीजों के उपचार में संलग्न स्टाफ के बचाव हेतु वैक्सीन उपलब्ध करायी गई है।  

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