छत्तीसगढ़

21-Feb-2019 11:50:21 am
Posted Date

कोरबा में एसईसीएल द्वारा हसदेव तट नहर की दिशा परिवर्तित किये जाने का मामला उठा

0-मंत्री ने कहा-हर परिस्थिति में किसानों के हित की सुरक्षा की जाएगी एवं योजना से सिंचाई को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा 
रायपुर, 21 फरवरी ।   विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण चर्चा के दौरान सदस्य देवव्रत सिंह ने कोरबा जिले में एसईसीएल द्वारा हसदेव तट नहर की दिशा परिवर्तित किये जाने का मामला उठा। 
विधायक देवव्रत सिंह ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से यह मामला उठाते हुए कहा कि कंपनी प्रबंधन की ओर से बिना कोल बियरिंग एक्ट (सीबीए) के अंतर्गत धारा 4 का प्रकाशन किया गया तथा कंपनी प्रबंधन ने दावा-आपत्तियों का निराकरण किए बिना ही धारा 7 एवं धारा 9 का प्रकाशन कर दिया। 
इसके जवाब में जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि जिला कोरबा अंतर्गत एसईसीएल द्वारा 50 एमटीपीए विस्तार परियोजना हेतु उनके पत्र क्रमांक एसईसीएल/बीएसबी/जीएम (सिविल)/2015/1083, दिनांक 03.01.2015 के द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़, रायपुर को अनुरोध पत्र प्रेषित किया, जिसमें हसदेव बांगो परियोजना की दॉयी तट नहर की किमी 10 से लेकर 19 तक को परिवर्तित करने हेतु तकनीकी रूप से साध्यता प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया था। जिसके परिप्रेेक्ष्य में छत्तीसगढ़ शासन, जन संसाधन विभाग, रायपुर के पत्र क्र. 2870/एफ-7-34/31/एस-2/14, दिनांक 10.06.2015 के द्वारा शासन ने उक्त प्रस्ताव का अमान्य करते हुए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसईसीएल लिमिटेड सिपत  रोड, बिलासपुर को सूचित किया गया है। पुन: एसईसीएल ने अपने पत्र 09.05.2018 के द्वारा कार्यपालन अभियंता, हसदेव बैराज जल प्रबंध संभाग, रामपुर/कोरबा से अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की गई। 
मंत्री ने कहा कि कार्यपालन अभियंता ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर पत्र दिनांक 09.05.2018 के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया एवं दिनांक 20.07.2018 को उनके द्वारा निरस्त कर दिया गया। कार्यपालन अभियंता के द्वारा अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दिये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। दॉयी तट मुख्य नहर से 107795 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के प्रति शासन कटिबद्ध है, हर परिस्थिति में किसानों के हित की सुरक्षा की जावेगी एवं योजना से सिंचाई को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। इस संबंध में भारत सरकार से पत्राचार भी किया जायेगा। 

Share On WhatsApp