छत्तीसगढ़

21-Feb-2019 11:46:21 am
Posted Date

जिले में दाल, सूजी मक्का और मशरूम के लिए प्रोसेसिंग प्लांट की संभावनाएं तलाशने के निर्देश

कोरबा , 21 फरवरी । नरवा, गरूवा, घुरूवा  एवं बाड़ी विकास योजना के अन्तर्गत कार्ययोजना तैयार करने आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिला पंचायत सीईओ श्री इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, डिप्टी कलेक्टर ममता यादव, कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुधन, रेशम, क्रेडा, जल संसाधन, सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सतीश प्रकाश सिंह सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में सभी जनपद सीईओ एवं संबंधित अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया कि नरवा, घुरूवा, गरूवा एवं बाड़ी विकास योजना के तहत गोठान, चारागाह, बाड़ी विकास एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट के तहत शीघ्र ही स्थल निरीक्षण कर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने गोठान एवं चारागाह हेतु तकनीकी सहायक एवं इंजीनियर को स्थल निरीक्षण करने एवं परीक्षण उपरांत स्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि विभाग को दाल, मक्का और सूजी के लिए फूड प्रोसेसिंग प्लांट की संभावनाओं पर शीघ्र ही कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने शहद एवं लाख उत्पादन, मत्स्य विभाग को तालाब निर्माण कर मछली उत्पादन को बढ़ावा देने, ग्रामीणों का आजीविका बढ़ाने वाले कार्यों को नरेगा से जोडक़र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
एनआईसी में वीडियो कान्फें्रसिंग के माध्यम से कलेक्टर श्रीमती कौशल ने आज सभी पांचों विकासखंड के जनपद सीईओ को नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी विकास योजना के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने गांवों में गोठान रख-रखाव हेतु महिला एवं युवा समूह गठित कर उनका प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिए। हर घर में बाड़ी लगाने के निर्देश देते हुए उद्यानिकी विभाग को निर्देशित किया गया कि मशरूम सहित अन्य फलों के उत्पादन बढ़ाने और फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने घरों से प्रवाहित अनुपयोगी जल का उपयोग घरों में बनाए जाने वाले बाड़ी में करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
वीडियो कांफें्रसिंग में कलेक्टर ने कहा कि पांचों विकासखंडों में गोठान और चारागाह के लिए जमीन चिन्हांकित कर सूचित करें। इसके साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए विकासखंड में संबंधित उत्पादन, काम में लगे किसान और युवा उत्पादन लागत आदि सभी जानकारियां और प्रस्ताव भी बनाने के निर्देश दिए। विकासखंड स्तर पर चयनित जगहों के निरीक्षण और लोगों से सीधा संवाद करने कलेक्टर एक दो दिनों में स्वयं भी पहुंचेंगी।

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