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20-Feb-2019 9:38:12 am
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हिन्दी साहित्य के आलोचक और लेखक प्रोफेसर नामवर सिंह का निधन

नईदिल्ली ,20 फरवरी । मशहूर आलोचक, लेखक प्रोफेसर नामवर सिंह का मंगलवार रात निधन हो गया. नामवर सिंह ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर में 19 फरवरी को 11:51 बजे आखिरी सांस ली. वो पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद से वो एम्स में भर्ती थे. नामवर सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारतीय भाषा केंद्र की स्थापना की और हिंदी साहित्य को नई ऊंचाई पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई. हिंदी में आलोचना विधा को नई पहचान देने वाले नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य में एमए व पीएचडी करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाया. उनका नामवर सिंह का जन्म बनारस के जीयनपुर गांव में हुआ था.
आलोचना को दिया नया आयाम
नामवर सिंह हिंदी साहित्य जगत का सम्मानित नाम थे. उन्होंने आलोचना और साक्षात्कार विधा को नई ऊंचाई दी. नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1927 को जीयनपुर (अब चंदौली) वाराणसी में हुआ था. उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से भी नवाजा गया.
नामवर सिंह ने साहित्य में काशी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की. इसके बाद इसी विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी. वे कई साल तक एक प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं देते रहे. उनकी छायावाद, नामवर सिंह और समीक्षा, आलोचना और विचारधारा जैसी किताबें चर्चित हैं.
आलोचना में उनकी किताबें पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, कहानी नई कहानी, कविता के नये प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद आदि मशहूर हैं. उनका साक्षात्कार कहना न होगा भी साहित्य जगत में लोकप्रिय है.

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